नई दिल्ली: दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितता बरतने, नियम विरुद्ध नियुक्तियां करने और फंड का दुरुपयोग करने के मामले में गिरफ्तार विधायक अमानतुल्लाह खान की जमानत याचिका पर बहस मंगलवार को पूरी हो गई.
ईटीवी भारत की खबर के अनुसार, राउस एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढुल्ल की अदालत ने 4 घंटे लंबी चली बहस में दोनों पक्षों को सुना और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. एसीबी की तरफ से लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने पैरवी की. विधायक अमानतुल्लाह खान की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा कोर्ट में पेश हुए.
विधायक अमानतुल्लाह के खिलाफ अब 25 एफआईआर: एसीबी की तरफ से लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विधायक के खिलाफ पहले 12 एफआईआर दर्ज थी. अब 25 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. विधायक खान लगातार अपराध में संलिप्त रहे हैं. अभी तक किसी मामले में विधायक को आरोप मुक्त नहीं किया गया है.
अमानतुल्लाह की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि एसीबी ने अमानतुल्लाह खान पर कई आरोप लगाए हैं, लेकिन कोई भी साक्ष्य सामने नहीं रखा है. केवल बयानों के आधार पर अमानतुल्लाह खान को जेल में रखने का प्रयास किया जा रहा है. राहुल मेहरा ने सर्वोच्च न्यायालय की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि जमानत कानून है, जबकि जेल अपवाद, लेकिन वर्तमान मामले में एसीबी जेल ही कानून है, इस प्रवृत्ति पर आगे बढ़ रही है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट इस मामले में बुधवार दोपहर 3.30 बजे अपना फैसला सुना सकता है.
वक्फ बोर्ड में भर्ती 32 में से 27 लोग अमानतुल्लाह के करीबी: एसीबी ने कोर्ट को बताया कि अमानतुल्लाह ने वक्फ बोर्ड में कुल 33 भर्तियां की थीं, जिनमें से 32 लोगों ने नौकरी ज्वाइन की थी. इन 32 लोगों में से 22 लोग ओखला विधानसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं. जबकि 5 अन्य लोग अमानतुल्लाह खान के भतीजे या अन्य रिश्तेदार हैं. यानी कुल भर्ती में 27 लोग अमानतुल्लाह के करीबी हैं. ऐसे में भर्ती में नियमों के उल्लंघन किए जाने की संभावना है.
यह है मामला: एसीबी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के कामकाज में कथित वित्तीय हेराफेरी और अन्य अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में 16 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को तलब किया था. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बोर्ड में कथित गड़बड़ी के संबंध में पहले भी प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है.
इस प्राथमिकी के अनुसार, खान ने सभी मानदंडों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया और भ्रष्ट और पक्षपातपूर्ण गतिविधियों में शामिल रहे. तीसरा मामला एसीबी अधिकारियों के कामकाज में बाधा डालने से संबंधित है. पुलिस ने कहा कि इसमें शामिल लोगों की पहचान की जा रही है.