अमरावती: देश में जहां एक ओर वक़्फ़ को लेकर बहस छिड़ी हुई है वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश सरकार ने शनिवार (30 नवंबर) को एक आदेश जारी करते हुए राज्य के वक़्फ़ बोर्ड गठन को रद्द कर दिया.
आंध्र प्रदेश सरकार ने इसके पीछे का कारण भी दिया है. सरकार ने कहा है कि सुशासन को बढ़ावा देने, वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा और वक़्फ़ बोर्ड के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है. जल्द ही नए वक़्फ़ बोर्ड का गठन किया जाएगा.
राज्य सरकार ने 21 अक्टूबर, 2023 को जारी सरकारी आदेश को रद कर दिया, जिसके तहत 11 सदस्यीय वक़्फ़ बोर्ड का गठन किया गया था. उनमें से तीन निर्वाचित सदस्य थे जबकि शेष नामांकित थे.
तत्कालीन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 11 सदस्यीय वक्फ बोर्ड का गठन किया था. इनमें से तीन निर्वाचित सदस्य थे, जबकि बाकी मनोनीत थे. वक़्फ़ बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 1 नवंबर, 2023 को राज्य वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी थी.
शनिवार को जारी सरकारी आदेश में कहा गया, सुशासन, वक़्फ़ संपत्तियों की रक्षा करने और वक़्फ़ बोर्ड के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने लिए सरकार ने उस आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है जिसके तहत वक़्फ़ बोर्ड का गठन किया गया था.
सरकार ने रविवार को स्पष्ट किया कि राज्य वक़्फ़ बोर्ड को कुछ चिंताओं के कारण भंग किया गया. बोर्ड के गठन के आदेश की वैधता पर सवाल उठाते हुए याचिकाएं दायर की गई थीं. राज्य सरकार ने इस निर्णय पर पहुंचते समय याचिकाओं के संबंध में हाई कोर्ट की टिप्पणियों पर भी विचार किया.
सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में किया है जब देश वक़्फ़ बोर्ड औऱ उसकी जमीनों को लेकर बहस चली हुई है और वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन और सुधार के लिए वक़्फ़ संशोधन बिल पर चर्चा हो रही है जिसे अब बजट सत्र 2025 में पेश किया जाएगा.