मथुरा: बाबरी मस्जिद विध्वंस की 32वीं बरसी के मद्देनजर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा में शाही ईदगाह के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई. मथुरा शहर के पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि इलाके को चार जोन में बांटा गया है और संवेदनशील जगहों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं. इस बीच हिंदू नेत्री को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो जलाभिषेक के लिए शाही ईदगाह जाने की कोशिश कर रही थी.
6 दिसम्बर शाही ईदगाह को असली जन्मभूमि बता कर जलाभिषेक करने की कोशिश करने वाली हिंदू नेत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है. अखिल भारत हिंदू महासभा आगरा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर विवादित स्थल शाही ईदगाह पहुंचने वाली थीं, उन्हें रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया. मीरा राठौड़ लड्डू गोपाल और यमुना गंगा जल के साथ पहुंचने की कोशिश कर रही थीं. उन्होंने शाही ईदगाह को भगवान श्रीकृष्ण का असली गर्भ बताते हुए सोशल मीडिया पर जलाभिषेक कार्यक्रम का ऐलान किया था.
ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा.
कुमार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया,”हमने इलाके को 4 जोन में बांटा है. संवेदनशील जगहों पर बैरिकेडिंग की गई है. ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”
इससे पहले भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद मामले की सुनवाई टाल दी थी. इस विवाद पर अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी.
इनमें से एक मामले में, शाही मस्जिद ईदगाह मैनेजमेंट ट्रस्ट कमेटी ने इलाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. शाही मस्जिद ईदगाह पर तकरीबन 15 दावे किए गए हैं. हिंदू पक्ष का कहना है कि यह श्री कृष्ण जन्मभूमि है.
बता दें, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में ‘कारसेवकों’ के एक बड़े ग्रुप के जरिए बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था. इसके बाद, अयोध्या में कई मुस्लिम घरों में तोड़फोड़ की गई, आग लगा दी गई और उन्हें तबाह कर दिया गया. देश के अलग-अलग हिस्सों में दंगे भड़क उठे, जिसकी वजह से 1,000 से अधिक लोग मारे गए.