पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता: सांसद असदुद्दीन ओवैसी

नई दिल्ली: आल इंडिया मस्जिल-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सुप्रीमो एवं लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए सवाल उठाए कि अजमेर बम बलास्ट के आरोपी संगठन पर कब प्रतिबंध लगेगा?

आवाज द वॉयस की खबर के मुताबिक़, ओवैसी ने कहा- मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया है और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का समर्थन किया है. लेकिन पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है. ओवैसी ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किए. इस बयान में उन्होंने मौजूदा स्थिति के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. साथ ही उन्होंने अजमेर बम ब्लास्ट करने वाले संगठन को प्रतिबंधित नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाए.

उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा- पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है. ‘एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा, हमें याद रखना चाहिए कि कांग्रेस ने यूएपीए को सख्त बनाने के लिए कानून में संशोधन किया. जब भाजपा ने इसे और अधिक कठोर बनाने के लिए कानून में संशोधन किया, तो कांग्रेस ने इसका समर्थन किया.’

ओवैसी ने हाथरस में दलित लड़की की हत्या के मामले में मथुरा से गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दीकी कप्पन केस की बात भी उठाई. सिद्दीकी कप्पन पर आरोप है कि दलित लड़की की हत्या के बाद उपजी अव्यवस्था को और अधिक बढ़ाने में अहम भूमिका रही थी.

इस मामले में ओवैसी ने कहा- ‘किसी भी कार्यकर्ता या पत्रकार को बेतरतीब ढंग से गिरफ्तार किया जाता है और जमानत पाने में 2 साल लग जाते हैं.’

उन्होंने अजमेर बम विस्फोट मामले को याद दिलाते हुए कहा- पीएफआई पर प्रतिबंध लग गया, लेकिन खाजा अजमेरी बम विस्फोटों के दोषियों से जुड़े संगठन पर क्यों नहीं?

उन्होंने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा- सरकार ने दक्षिणपंथी बहुसंख्यक संगठनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाए?

बता दें कि केंद्र सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित कर दिया गया है.

पीएफआई के अलावा उसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (केरल) पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

spot_img
1,705FansLike
254FollowersFollow
118FollowersFollow
14,700SubscribersSubscribe