संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और मानवीय संगठनों के नेताओं ने उत्तरी गाजा में स्थिति को ‘विनाशकारी’ बताया. उन्होंने इसराइल से हमले बंद करने की अपील की. विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन, वर्ल्ड फूड प्रोग्राम और सहायता समूहों सहित 15 संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुखों द्वारा शुक्रवार को हस्ताक्षरित एक संयुक्त बयान जारी किया.
एनडीटीवी की खबर के अनुसार, इसमें कहा गया, “उत्तरी गाजा में जो स्थिति बन रही है, वह भयावह है. यह क्षेत्र लगभग एक महीने से घेरे में है, बुनियादी सहायता और जीवन रक्षक आपूर्ति से वंचित है, जबकि बमबारी और अन्य हमले जारी हैं.” बयान में कहा गया है, “उत्तरी गाजा में पूरी फिलिस्तीनी आबादी की जिंदगी बीमारी, अकाल और हिंसा की वजह से खतरे में है.”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लड़ाई के कारण पोलियो टीकाकरण अभियान में देरी हुई, जिससे क्षेत्र में बच्चों का जीवन खतरे में पड़ गया है.
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने इसराइली संसद द्वारा पारित नवीनतम कानून की भी आलोचना की, जिसमें नियर में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूएन रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) पर प्रतिबंध लगाया गया. उन्होंने चेतावनी दी कि यह कानून ‘गाजा में मानवीय प्रतिक्रिया के लिए विनाशकारी होगा और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के बिल्कुल विपरीत होगा.’ इससे लाखों फिलिस्तीनियों के मानवाधिकारों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इसराइल के दायित्वों का उल्लंघन है.
बयान के मुताबिक ‘यूएनआरडब्ल्यूए के अलावा कोई विकल्प नहीं है’, बुनियादी मानवता और युद्ध के नियमों की घोर उपेक्षा बंद होनी चाहिए. बयान में कहा गया कि ‘पूरा क्षेत्र संकट के मुहाने पर खड़ा है. दुश्मनी को तत्काल समाप्त करने और बिना शर्त युद्ध विराम की बहुत पहले से आवश्यकता थी.”
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने मानवीय राहत की सुविधा प्रदान करने की अपील की और सभी पक्षों से प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने और वाणिज्यिक वस्तुओं को गाजा में प्रवेश करने की अनुमति देने की अपील की.