क़ुरआन की तिलावत से शुरू हुआ फीफा वर्ल्ड कप, कौन हैं मॉर्गन फ्रीमैन के साथ मंच साझा करने वाले ग़नीम अल मुफ्ता?

दोहा: क़तर में पहली बार फीफा वर्ल्ड कप 2022 का आगाज़ हो चूका है. दुनिया भर से लगभग एक महीने तक चलने वाले फीफा वर्ल्ड कप में मौजूदा चैम्पियन फ्रांस समेत कुल 32 टीमें भाग ले रही हैं. इन टीमों को चार-चार के कुल आठ ग्रुपों में बांटा गया है. ग्रुप राउंड के जरिए कुल 16 टीमें क्वार्टरफाइनल में पहुंचेंगी, जिसके बाद नॉकआउट मैच शुरू हो जाएंगे. 18 दिसंबर को होने वाले फाइनल मैच के साथ इस टूर्नामेंट की समाप्ति होगी. लेकिन इस बार के फुटबॉल वर्ल्ड कप की खास बात यह है कि इस की शुरुआत क़ुरआन की तिलावत से हुआ.

आवाज़ द वायस की एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार की रात को जिन लोगों ने भी फीफा वर्ल्ड कप 2022 का रंगारंग उद्घाटन कार्यक्रम देखा होगा उनके मन में एक ख्याल आ रहा होगा. हॉलीवुड के सुपरस्टार कहे जाने वाले मॉर्गन फ्रीमैन के साथ मंच पर आने वाले एक छोटे कद के व्यक्ति कौन थे?

मॉर्गन फ्रीमैन और ग़नीम अल मुफ्ता. फोटो: सोशल मीडिया

इतवार की रात को मॉर्गन फ्रीमन ने फीफा के उद्घाटन के मंच से दुनियाभर को उम्मीद, एकता और सहिष्णुता का शानदार संदेश दिया.

उद्घाटन के उस मंच से फ्रीमैन के साथ कतर के यूथ आइकन ग़नीम अल मुफ्ता मौजूद थे. मुफ्ता फीफा विश्वकप के एंबेसेडर हैं और उन्होंने मंच पर क़ुरआन की कुछ आयतों का पाठ किया था और वह संदेश था विविधता और सहिष्णुता से जुड़ा हुआ.

बता दें कि क़ुरआन की सूरह अल हुजुरात की जिन आयात की तिलावत की गई थी उसका तर्जुमा ये है: (ऐ लोगों हमने तुम्हें एक मर्द और एक औरत से पैदा किया और तुम्हारे बीच कबीले कायम कर दिए ताकि तुम एक दूसरे को पहचान सको. तुममें अल्लाह के नजदीक सबसे अच्छा वह है जो अल्लाह से डरने वाले हैं बेशक अल्लाह अलीम और खबीर है).

कतर के यूथ आइकन ग़नीम अल मुफ्ता एक जुड़वां भाई के साथ पैदा हुए थे और वह काउडल रिग्रेसन सिंड्रोम (Caudal Regression Syndrome) से जूझ रहे हैं. इस दुर्लभ बीमारी में रीढ़ का निचला हिस्सा ठीक से काम नहीं करता है और अविकसित रह जाता है.

हालांकि, डॉक्टरों ने उनके जीवित रहने की उम्मीदें छोड़ दीं लेकिन मुफ्ता अपनी इच्छा शक्ति के दम पर पंद्रह साल की डॉक्टरों की समय सीमा से अधिक जीवित हैं और अभी स्वस्थ हैं.

ग़नीम अल मुफ्ता और मॉर्गन फ्रीमैन. फोटो: सोशल मीडिया

उनकी कहानी दुनिया भर के युवाओं और विकलांग लोगों के लिए एक असाधारण जज्बे और जिजीविषा की शानदार मिसाल बनकर प्रेरणा दे रही हैं.

हालांकि, हर साल यूरोप में उनकी सर्जिकल देखभाल की जाती है.

मुफ्ता आगे चलकर पैरालिंपियन बनना चाहते हैं. अपनी शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद, वह तैराकी, स्कूबा डाइविंग, फुटबॉल, लंबी पैदल यात्रा और स्केटबोर्डिंग को अपना पसंदीदा खेल बताते हैं.

मॉर्गन फ्रीमैन. फोटो: सोशल मीडिया

स्कूली दिनों में, मुफ्ता अपने हाथों में जूते पहनकर फुटबॉल खेला करते थे और अपने ‘सामान्य’ तरह के दोस्तों के साथ मिलकर खेल में जोरदार तरीके से हिस्सा लेते थे.

वह खाड़ी क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी जेबेल शम्स की चढ़ाई कर चुके हैं और अब उनका इरादा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का है.

मुफ्ता सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं और इंस्टाग्राम पर उनके दस लाख से अधिक फॉलोअर हैं. उनका इरादा आगे विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान पढ़ना चाहते हैं और वह कतर के प्रधानमंत्री भी बनना चाहते हैं.

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