यूक्रेन में रूस की सीमा से लगते सूमी शहर पर रूसी सैनिकों के कब्जे के बाद कम से कम 400 भारतीय छात्रों ने एक तहखाने में शरण ली है और भारत सरकार से उन्हें निकालने की अपील की है.
इनमें अधिकतर सूमी स्टेट मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं. उन्होंने कहा कि बाहर गोलियों की आवाजें सुनाई देने के कारण उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है.
छात्र ललित कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘इस वक्त हम अपने छात्रावास के तहखाने में छिपे हुए हैं और हमें नहीं पता कि यहां हम कब तक सुरक्षित रह पाएंगे. हम भारत सरकार से हमें यूक्रेन के पूर्वी इलाके से सुरक्षित निकालने की अपील करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अपने आप यात्रा करना संभव नहीं है. यहां मार्शल लॉ लागू है, जिसका मतलब है कि कोई बाहर नहीं जा सकता, कार, बस और निजी वाहन नहीं निकल सकते. एटीएम और सुपर मार्केट भी बंद हैं.’
छात्रों ने उस तहखाने का वीडियो भी साझा किया जहां वे छिपे हुए हैं.
कुमार ने कहा, ‘हमारे पास यहां ज्यादा सामान नहीं है कि हम लंबे समय तक यहां नहीं टिक पाएंगे. भारत सरकार हमारी आखिरी उम्मीद है….हम अपने देश वापस जाना चाहते हैं और अपने लोगों से मिलना चाहते हैं. हमारी मदद कीजिए.’
फोटो : सोशल मीडिया
सूत्रों के अनुसार, यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत उड़ानें भेजेगा, जिसका खर्चा सरकार वहन करेगी. गौरतलब है कि रूस की ओर से हमला का ऐलान करने और प्रमुख शहरों पर हमले के बाद सुरक्षा उपाय के तहत यूक्रेन ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है, इस कारण यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट को कल वापस लौटना पड़ा था. बाद में सरकार ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए यूक्रेन से लगी हंगरी और पोलैंड को यूक्रेन की सीमा से भेजने का फैसला किया. ये अधिकारी जमीन के जरिये यात्रा कर रहे हैं क्योंकि यू्क्रेन का एयरस्पेस बंद है.
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एक अनुमान के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध में करीब 20 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं. चूंकि यूक्रेन में सभी हवाई क्षेत्र बंद कर दिए गए हैं, जिसके बाद सरकार के लिए वहां से अपने नागरिकों को बाहर निकालने में मुश्किल हो रही है. हालांकि, इसके लिए सरकार ने योजना बनाई है. भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए हंगरी और पोलैंड की सीमाओं के जरिए सरकारी दलों को भेजा है.
बता दें कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के विरोध में प्रदर्शन तेज हो गए हैं. अमेरिका के वाशिंगटन डी.सी में मौजूद वाइट हाउस के बाहर भी प्रदर्शनकारी कई घंटों से जमा हैं. वहीं आज सुबह भी यूक्रेन की राजधानी कीव सुबह-सुबह तेज धमाकों से दहल गई है. इसके अलावा यूक्रेन के शहर कोनोटोप को भी रूसी सैनिकों ने घेर लिया है. इसके अलावा बाकी फोर्स कीव की तरफ बढ़ रही है.
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यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार रूसी हमले का सबसे खराब दिन हो सकता है. इसमें एयरस्ट्राइक, जमीनी हमले, घेराव आदि शामिल होगा. वहीं कल यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेन को रूस से युद्ध के लिए अकेला छोड़ दिया गया है. बता दें कि यूक्रेन फोर्स इस वक्त तीन तरफ से रूसी सेना का सामना कर रही है. रूसी सेना जमीन, हवा और पानी तीनों से वार किया जा रहा है. हजारों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.
(भाषा से इनपुट के साथ)