‘माटी’ ने दिल्ली में पहले पाठक समागम की मेजबानी की

नई दिल्ली । 20 जूलाई 2024

2 मिनट नूडल्स और 10 सेकंड की बाइट के युग में, जब पढ़ना उबाऊ माना जाता है, यहां पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने की एक पहल की गई “The Readers’ Conclave” अथवा पाठक समागम के नाम से माटी ट्रस्ट द्वारा एक अनूठी और उपयोगी पहल की गई है, जिसका उद्देश्य पाठकों और उनके पसंदीदा लेखकों के बीच संवाद को सार्थक बनाना है। माटी द्वारा पाठक समागम का पहला संस्करण 20 और 21 जुलाई 2024 को इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

आज समागम के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए लेखक और जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि पुस्तकों का संदेश सरल होता है – ज्ञान और समृद्धि का संदेश। यह आपकी सोच को प्रफुल्लित करने और आपको अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर करने में मदद करती है।

हमें इस मानसिक और आध्यात्मिक संवाद में बने रहना चाहिए और अपने पढ़ने के अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि आजकल जब डिजिटल युग ने हमारे जीवन को बदल दिया है, तो भी हमें यह याद रखना चाहिए कि पुस्तकों का महत्व अपनी जगह से हटा नहीं है। हमें अपने आप को समय-समय पर पुस्तकों के साथ जोड़ना चाहिए, उनकी महत्वपूर्ण बातों को समझना चाहिए और उनका उपयोग करना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि, पंकज जैन (सुलभ इंटरनेशनल और भारत सरकार के पूर्व सचिव) ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन कई बार किताबों का उद्देश्य होता है क्योंकि यह संचार का एक बहुत प्रभावी और शक्तिशाली माध्यम है। पाठक समागम की पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा: “एक लेखक के लिए उच्च पाठक वर्ग से बड़ी कोई खुशी नहीं है जो उसे उसकी पहचान और उसका इनाम देती है।”

माटी के संयोजक और कॉन्क्लेव के क्यूरेटर आसिफ़ आज़मी ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के अलावा, हम पाठकों को मूल स्रोत की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। असत्यापित डेटा, नकली सामग्रियों के युग में, सभी को मूल स्रोत की ओर पलट कर देखने की जरूरत है।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में राम बहादुर राय ने कहा कि किताबों की अहमियत कभी काम नहीं होगी। उन्होंने यह चुनने की आवश्यकता पर जोर दिया कि क्या पढ़ना है।

पाठक समागम के इस पहले संस्करण में कॉर्पोरेट प्रबंधन, जीवनी, यात्रा वृतांत, इतिहास, आध्यात्मिकता से लेकर कथा साहित्य, बाल कथा और कविता तक लगभग सभी विधाओं का पुस्तकों को शामिल किया गया है। जिन लेखकों की किताबों पर चर्चा होगी उनमें पूर्व आईपीएस प्रकाश सिंह, राम बहादुर राय, जयशंकर गुप्ता, जितेंद्र श्रीवास्तव, एच ए कुरेशी, सूर्यनाथ सिंह, रण विजय, चंद्र भूषण और रुचि सिंह शामिल हैं। प्रमुख वक्ताओं में राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय सिंह, प्रोफेसर सत्यकेतु सांकृत (अम्बेडकर विश्वविद्यालय के डीन और प्रॉक्टर), प्रोफेसर अब्दुल हक, श्री यतीश कुमार (आईआरएसएमई), श्री नवीन शाह (आईएफएस), श्री कमर वहीद नकवी, प्रोफेसर सुधीर प्रताप सिंह आदि शामिल हैं।

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