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‘उलेमा की एक जमात को खालिस राजनीतिक मुद्दों पर काम करना चाहिए’

कर्नाटक: सदाए इत्तेहाद की जानिब से ‘हालात-ए-हाज़िरा और सियासी बेदारी’ उन्वान (शीर्षक) के तहत विभिन्न स्थानों पर इजलास आयोजित की जा रही हैं ताकि उलमा-ए-कराम में राजनीतिक जागरूकता पैदा किया जाये.

ईटीवी भारत रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरू में आयोजित सदाए इत्तेहाद के एक इजलास में कहा गया कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति में, विशेष रूप से चुनावों के दौरान, उलमा-ए-कराम व्यवस्थित राजनीतिक रणनीति तैयार करें, वर्तमान भय को दूर करें और इस पर काम करें कि वर्तमान स्थिति में क्या उपाय करना चाहिए जिससे देश, राष्ट्र, क़ौम और मिल्लत को फयदा पहुंचे.

इस मौके पर मौलाना मकसूद इमरान रशदी ने स्पष्ट किया कि उलमा-ए-कराम का किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं, हालांकि, वह लोग उन्हीं लोगों का समर्थन करेंगे जो भलाई का काम करते हैं.

मौलाना मकसूद इमरान ने विशेष रूप से मुसलमानों से अपील की कि वे अपने मतदाता सूची पर नजर रखें और मतदाता नामांकन ज़रूर करवाएं ताकि चुनाव में मतदान में कोई समस्या पैदा न हो.

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