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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रीडिंग हॉल को बनाया छात्रावास, सीनियर छात्र कर रहे विरोध

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फोटो साभार: सोशल मीडिया

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय अक्सर सुर्खियों में रहता है. यहां के छात्र अक्सर कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं. हाल ही में यहां के सीनियर छात्रों ने इस बात के लिए विरोध जताया है कि यहां पर छात्रावास सर सैयद रीडिंग हॉल (साउथ) को हॉस्टल में बदल दिया गया है. यह रीडिंग हाल यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद के नाम पर था. सीनियर छात्रों ने मांग की है कि यहां दोबारा रीडिंग रूम बनाया जाए.

सीनियर छात्रों का आरोप है कि यहां के प्रशासन ने छुट्टी से पहले ही बच्चों से छात्रावास खाली करा लिया था. उन्होंने हवाला दिया कि छात्रावास की मरम्मत होगी. लेकिन इसके बाद जब दोबारा यूनिवर्सिटी खुली, तो यहां पर मरम्मत का काम तो नहीं हुआ, बल्कि ऐतिहासिक हॉल सर सैय्यद (साउथ) के रीडिंग रूम को हॉस्टल बना दिया गया है. यूनिवर्सिटी के छात्र इसको लेकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. उनका कहना है कि रीडिंग रूम हट जाने से पढ़ने वाले बच्चों को दिक्कत हो रही है. छात्र विश्व विद्यालय प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि वह दोबारा से रीडिंग रूम बनायें.

बताया जाता है कि अलीगढ़ मु्स्लिम यूनिवर्सिटी में 20 छात्रावास हैं. हर छात्रावास में एक रूडिंग रूम है. सर सैय्यद हॉल के रीडिंग रूम को हॉस्टल में बदल दिया गया है. रीडिंग रूम के बाहर एक बोर्ड लगा है जिसके मुताबिक 15 अगस्त 2018 को इसका नवीनीकरण किया गया. इसका उद्घाटन पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर तारीख मानसूर ने किया था.

सीनियर छात्रों के मुताबिक इस रीडिंग हॉल में पढ़ने की बहुत सहूलत थी. यहां कंप्यूटर और दूसरी जरूरी चीजें भी थीं. उनका कहना है कि अगर इसी तरह से हर छात्रावास के पास से रीडिंग रूम खत्म किए जाएंगे तो बच्चे कहां बैठकर पढ़ेंगे? उनकी मांग है कि अगर छात्र बढ़ते हैं, तो उनके लिए नए हॉस्टल बनाए जाएं. या फिर वार्डन के जो कमरे खाली हैं उनमें छात्रों के रहने का इंतिजाम किया जाए.

ईटीवी भारत ने सर सैय्यद (साउथ) हॉल के प्रोवोस्ट डॉ. फारूक अहमद के हवाले से लिखा है कि उन्होंने रीडिंग हॉल को ऊपरी मंजिर पर शिफ्ट कर दिया है. यहां छात्र बैठकर पढ़ सकते हैं. पुराने वाले रीडिंग रूम को हॉस्टल बना दिया गया है. यहां पर छात्रों ने रहना शूरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया है कि क्योंकि बच्चों को पहले रहने में दिक्कत होती थी.

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