लखनऊ: ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है. ओवैसी ने कहा कि हम एक मस्जिद को खो चुके हैं दूसरा नहीं खोना चाहते.
उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला गलत है. मस्जिद कमिटी को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और सर्वे को रोकना चाहिए. गौरतलब है कि कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का आदेश दिया है.
ओवैसी ने कहा कि यह एक खुला उल्लंघन है और मुझे उम्मीद है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
This is a blatant violation and I hope that the All India Muslim Personal Law Board and the Masjid committee would go to the Supreme Court. I have lost one Babri Masjid and I don’t want to lose another masjid: AIMIM chief Asaduddin Owaisi on Gyanvapi survey case verdict pic.twitter.com/5oSVVrwxHt
— ANI (@ANI) May 12, 2022
उन्होंने कहा कि मैंने एक बाबरी मस्जिद खो दी है और मैं दूसरी मस्जिद नहीं खोना चाहता. एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि योगी सरकार को उन लोगों के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करना चाहिए जो धार्मिक स्थलों की प्रकृति को बदलने की कोशिश करते हैं. अगर अदालतें उन्हें दोषी पाती हैं, तो उन्हें 3 साल की जेल हो सकती है.
बता दें कि इसी मामले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है. उन्होंने आगे कहा था कि अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह अधिनियम भारत की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है, जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है.
Unfortunate that the Court* is blatantly defying the SC. By this order, the Court is opening the path for the bloodshed of Rath Yatra and anti-Muslim violence of 1980s-1990s. 2/2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 7, 2022
ओवैसी ने सर्वे के फैसले को एंटी मुस्लिम हिंसा का रास्ता खोलने वाला भी बताया था. एआईएमआईएम के प्रमुख ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोर्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट की खुलेआम अवहेलना की जा रही है. इस आदेश से कोर्ट 1980-1990 के दशक की रथ यात्रा के हुए खून-खराबे और मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता खोल रही है.