गुवाहाटी: स्थानीय लोगों ने असम के गोलपारा जिले के पखिउरा चार इलाके में एक मदरसे को इस आरोप के तहत ध्वस्त कर दिया कि परिसर का इस्तेमाल दो बांग्लादेशी नागरिकों ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया था.
अधिकारियों के अनुसार, दो बांग्लादेशी नागरिकों, अमीनुल इस्लाम और जहांगीर अलोम को 2020-22 के बीच मदरसे में पढ़ाया गया था. वे अल कायदा से जुड़े संगठन के सदस्य हैं और फिलहाल फरार हैं. उन्हें पकड़ने के लिए तलाश की जा रही है.
आवाज़ द वॉयस की खबर के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि विध्वंस में कोई भी सरकारी अधिकारी शामिल नहीं था. स्थानीय लोगों ने जिहादी गतिविधियों के प्रति गहरी नाराजगी के निशान के रूप में स्वेच्छा से मदरसे को ध्वस्त कर दिया. मदरसे से सटे एक घर को भी तोड़ दिया गया.
पिछले एक महीने में यह चौथा असम का मदरसा है जिसे तोड़ा गया. इससे पहले राज्य सरकार ने तीन मदरसों पर बुलडोजर चलाया था.
पिछले महीने, यह कहते हुए कि असम जिहादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि असम में मस्जिदों और मदरसों के धार्मिक शिक्षकों को राज्य के बाहर से आने पर एक सरकारी पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा.
प्रदेश सरकार की मानें तो अल-कायदा जैसे संगठन तेजी से असम में पैर पसार रहे हैं. उनके खिलाफ हाल में चलाए गए ऑपरेशन के दौरान 38 लोगों को आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार लोगों में दो मस्जिदों के इमाम और दो मदरसा संचालक भी हैं. बावजूद इसके प्रदेश की ओर से इस बारे में अब तक ठोस जवाब नहीं दिया गया है कि गिरफ्तार किए गए लोग किस तरह के देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त थे और अब तक उन्होंने किस तरह से देश और असम को नुकसान पहुंचाया है.
इस मुददे पर देश का मुस्लिम समाज असम सरकार की जमकर आलोचना कर रहा है.