Uttrakhand Muslim News: देशभर में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और नफरत लगातार जारी है. आए दिन किसी ना जगह पर मुस्लिमों पर उनके इबादतगाहों, मस्जिदों और दरगाहों के खिलाफ नफरती बयानबाजी होती रहती है. ऐसा लगता है जैसे कि मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाना एक पेशा बन गया है. इसी बीच उत्तराखंड में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां हिंदु रक्षा दल के सदस्यों ने अज़ान का विरोध करते हुए एक जामा मस्जिद के सामने खूब उन्माद मचाया. आईए जानते हैं पूरा मामला क्या है.
मुसलमानों के खिलाफ लगाए आपत्तिजनक नारे
बुधवार, 26 फरवरी को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अज़ान का विरोध करते हुए हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने एक रैली निकाली. हिंदू रक्षा दल के सदस्य देहरादुन के पलटन बाजार की बड़ी जामा मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए जा रहे थे. इस दौरान हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने मुस्लिमों के खिलाफ ‘अयोध्या तो झांकी है..मथुरा काशी बाकी है,’ ‘हिंदुस्तान में रहना है तो जय श्री राम कहना होगा,’ ‘मस्जिदों की आवाज बंद करो’ जैसे कई आपत्तिजनक नारे लगाए.
हालांकि पुलिस प्रशासन ने हिंदू रक्षा दल के सदस्यों को मस्जिद तक पहुंचने से पहले ही बैरिकेडिंग लगा कर रोक दिया. जिसके बाद हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने बीच सड़क पर ही हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा और नारे लगाए.
‘लाउड स्पीकर बंद नहीं हुए तो हमें दूसरी कार्रवाई भी करनी आती है’
हिंदु रक्षा दल उत्तराखंड के एक शीर्ष नेता ने कहा कि जिस मस्जिद से अज़ान की तेज आवाज आएगी हम उस मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के उन मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ेगा, जिस मस्जिद से अज़ान की आवाज तेज आएगी. हिंदु रक्षा दल के नेता ने धमकी देते हुए कहा कि अगर लाउड स्पीकर बंद नहीं हुए तो हमें दूसरी कार्रवाई भी करनी आती है. हमने पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इस बार तो पुलिस ने रोक दिया पर अगली बार रोक नहीं पाएंगे. हम मस्जिद के अंदर घुसकर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे.
‘रमजान के कारण यह सब फसाद हो रहा है’
स्थानीय ईमाम ने इस घटना पर कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं थी हम तो नमाज पढ़ रहे थे. यह सारी चीजें फसाद (झगड़े) की जड़ होती है. ईमाम साहब ने कहा कि यदि अज़ान की ज्यादा आवाज से किसी को परेशानी है तो हम उसको कम कर सकते हैं. हम तो शांति पूर्ण आदमी है. यह सब फसाद इसलिए हो रहा है क्योंकि रमजान का महीना आ रहा है. ईमाम साहब ने आगे कहा कि हम गुजारिश करेंगे कि ऐसी हालात पैदा ना हो. उन्होंने कहा कि हम प्रशासन का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने इन लोगों को रोका और उन्हें रोकना ही चाहिए. ऐसे फसादी लोगों को यहां तक नहीं आना चाहिए.
उत्तराखंड में मुसलमानों के खिलाफ पिछले कई सालों से लागतार नफरत जारी
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में मुस्लिमों के खिलाफ नफरती बयानबाजी या मुसलमानों को निकालने की बात हुई हो. इससे पहले भी हलद्वानी, उत्तरकाशी सहित अन्य जगहों पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसाएं हुई है. यह हिंसाएं इतनी ज्यादा हुई है कि मुसलमानों को अपना घर, कारोबार छोड़कर पलायन करना पड़ा है.
आपको बता दें कि साल 2023 में उत्तरकाशी जिले के एक छोटे से कस्बे पुरोला में कथित तौर पर लव जिहाद के मामला सामने आया था, जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और इसकी युवा शाखा, बजरंग दल ने मुसलमानों के घरों, दुकानों पर नोटिस चिपकाकर उन्हें शहर खाली करने को कहा था. जिसके बाद मजबूरन लगभग एक दर्जन परिवार पलायन कर गए थे.