SADAA Times

कांग्रेस ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ अरीबा खान को मैदान में उतारा, इस बार कांटे की टक्कर

ariba asif amanat news_Sadaa Times

फोटो साभार: सोशल मीडिया

नई दिल्ली: कांग्रेस ने ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ अरीबा खान को टिकट दिया है. बीते शाम ही पार्टी ने अपनी लिस्ट का ऐलान किया है. अरीबा खान पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस ओखला के पूर्व विधायक परवेज़ हाशमी की बहू इशरत जहां को टिकट दे सकती है. इस सीट से बीजेपी ने मनीष चौधरी को टिकट दिया है.

अरीबा खान, जो वर्तमान में वार्ड अबुल फज़ल एनक्लेव की पार्षद हैं, पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी और बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की भतीजी हैं. उन्होंने दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया से बीएड की डिग्री हासिल की है.

एमसीडी के चुनाव में अरीबा खान ने यहां से आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद वाजिद खान को शिकस्त दी थी. जो दर्शाता है कि वह इलाके की एक मजबूत कैंडेडिटे हैं. अरीबा की अभी शादी नहीं हुई है और वह अभी एक सोशल वर्कर के तौर पर जानी जाती हैं.

अरीबा खान अपनी पढ़ाई के दौरान से ही सामाजिक कार्यों में शामिल थीं, तभी उन्हें राजनीति में आने का मौका मिला. अपनी विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि को देखते हुए, अरीबा मानती हैं कि इस प्रक्रिया से परिचित होना फायदेमंद है, लेकिन इससे राजनीति में आगे बढ़ने में मदद नहीं मिलती है.

इस सीट से कांग्रेस ने अरीबा खान को टिकट दिया है. वहीं आम आदमी पार्टी से अमानतुल्लाह खान, बीजेपी से मनीष चौधरी और एआईएमआईएम से शफा उर रहमान चुनाव लड़ रहे हैं. शफा उर रहमान दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी हैं.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि मुकाबला काफ़ी कड़ा होगा. सत्ता विरोधी लहर के बावजूद अमानतुल्लाह खान ने 2020 के चुनावों में इस सीट से 130,367 वोट हासिल किए थे. जबकि भाजपा के ब्रह्म सिंह को 58,540 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार परवेज़ हाशमी को इस सीट से सिर्फ़ 5,123 वोट मिले थे.

अमानतुल्लाह खान ने पहली बार 2015 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी, उन्होंने आसिफ मोहम्मद खान को 104,271 वोटों से हराया था. उस साल ब्रह्म सिंह को 39,739 वोट मिले थे, जबकि आसिफ मोहम्मद खान को 20,135 वोट मिले थे.

ओखला क्षेत्र की आबादी में 55 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम हैं, इसलिए राजनीतिक गतिशीलता ऐतिहासिक रूप से मुस्लिम उम्मीदवारों के पक्ष में रही है. जानकारों का मानना ​​है कि अरीबा खान का इस दौड़ में शामिल होना अमानतुल्लाह खान के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं पर मजबूत प्रभाव है.

वहीं दूसरी तरफ, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ओखला सीट से पार्षद अरीबा खान को उम्मीदवार बनाया है. इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. दिल्ली एआईएमआईएम अध्यक्ष शोएब जामई ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा है कि ओखला में सबको पता है कि अरीबा खान का टिकट उनके चाचा और बीजेपी के बड़े नेता गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के कहने पर हुआ है.

शोएब जामई ने कहा, “बीजेपी और कांग्रेस की इस मिली भगत से ओखला की जनता अनजान नहीं है. इस बार सबका पर्दाफाश होगा और AIMIM प्रत्याशी शिफाउर रहमान की जीत होगी इंशाल्लाह.”

एक दूसरे पोस्ट में शोएब जामई ने कहा, “कांग्रेस ने इशरत जहां का टिकट काटकर यह संदेश दिया है कि वह समाज के लिए आवाज बुलंद करने वाली मुस्लिम नेतृत्व का साथ देना नहीं चाहती. यह हिम्मत सिर्फ हमारी पार्टी में है कि मजलूम की आवाज उठाते हैं. बाकी सेकुलर पार्टियां हिंदुत्व वोट बैंक को खुश करने में लगी रहती हैं.

Exit mobile version