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मैंने अपनी पूरी यात्रा के दौरान किसी के खिलाफ नफरत भरा बयान नहीं दिया: राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के बयान पर जवाब में कहा कि राजनाथ सिंह को उनकी पार्टी चलाती है। ये उनका अपना बयान नहीं हो सकता, उनके पास कोई विकल्प नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्होंने किसी के खिलाफ नफरत भरा बयान नहीं दिया।

भारत जोड़ो यात्रा के 130वें दिन प्रेसवार्ता कर राजनाथ सिंह के बयान पर राहुल गांधी ने कहा कि मुझे ये समझ नहीं आ रहा है कि जो पदयात्रा पूरे देश में लोगों को जोड़ने का काम कर रही है, वो किस तरह से देश के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है। भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य देश को जोड़ने का है नफरत मिटाने का है।

रॉयल बुलेटिन की खबर के अनुसार, राहुल ने कहा, मेरा दिल नफरत से नहीं भरा.. मैंने अपनी पूरी यात्रा में एक बार भी किसी के खिलाफ नफरत भरा बयान नहीं दिया है। यहां तक की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े किसी भी व्यक्ति ने किसी पर हमला नहीं बोला है, किसी के खिलाफ अपशब्द नहीं कहा है।

राहुल ने मंगलवार को कहा, मैं देख सकता हूं कि राजनाथ सिंह की पार्टी किस तरह नफरत फैला रही है। देश को तोड़ रही है। किस तरह, धर्म, जाति, संप्रदाय और लैंगिकता के आधार लोगों को बांटा जा रहा है। इसलिए दुनियांभर के अखबारों में ये लिखा जा रहा है कि मौजूदा सरकार में भारत के सांस्कृतिक मूल्यों, भाईचारे और ताकत को क्या होता जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि ये दिखाता है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उनकी पार्टी चलाती है। उन्हें क्या कहना है ये पार्टी तय करती है। ये उनका अपना बयान नहीं हो सकता, उनके पास कोई विकल्प नहीं थे इसलिए ऐसा कहा।

दरअसल एक दिन पहले अपने मध्य प्रदेश दौरे पर राजनाथ सिंह ने हमला बोलते हुए राहुल गांधी पर सत्ता हासिल करने के लिए लोगों में नफरत पैदा करने का आरोप लगाया था। रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि खराब कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में ये भी कहा कि देश में दो तरह की विचार हैं एक तरफ नफरत, घमंड और कायरता की भावना है यही विजन देश को भी दिया जा रहा है और दूसरी तरफ प्यार, मुहब्बत, भाईचारे और बहादुरी का विजन है। देश के समाने दोनों बिल्कुल साफ हैं।

उन्होंने कहा कि आरएसएस भाजपा नेता के दिमाग में है कि पैसे से, सत्ता से कुछ भी किया जा सकता है। कोई भी सरकार खरीदी जा सकती है। कुछ भी खरीदा जा सकता है। लेकिन यह सच नहीं है।

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