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हिंदू ट्रस्ट Waqf Act के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची… कहा, यह कानून मुसलमानों के अस्तित्व के लिए खतरा

Waqf Amendment Act: वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को वैधानिक चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में लगभग 73 याचिकाएं दायर की गई है. यह सभी याचिका मुस्लिम तंजीमों, विपक्षी राजनीतिक पार्टियों और विपक्षी नेताओं के द्वारा दायर की गई है. अब इस कानून को वैधानिक चुनौती देने के लिए एक हिंदू ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. हिंदू ट्रस्ट ने याटिका दायर करते हुए कहा कि यह कानून भारत में मुस्लिम समुदाय के अस्तित्व के लिए खतरा है.

‘वक़्फ़ कानून भारत में मुस्लिम समुदाय के अस्तित्व के लिए खतरा’

दरअसल केरल की एक हिंदू ऑर्गेनाइजेशन ‘श्री नारायण मानव धर्मम ट्रस्ट’ ने सोमवार, 6 मई को वक़्फ़ संशोधन अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. जहां हिंदू ऑर्गेनाइजेशन ने तर्क दिया गया कि यह कानून भारत में मुस्लिम समुदाय के अस्तित्व के लिए खतरा है.

हिंदू ऑर्गेनाइजेशन ने आगे कहा

हिंदू ऑर्गेनाइजेशन ‘श्री नारायण मानव धर्मम ट्रस्ट’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि यह कानून मुसलमानों के पहचान के लिए खतरा है. ऑर्गेनाइजेशन ने आगे कहा कि ट्रस्ट इस नए वक़्फ़ कानून के वजह से मुस्लिम समुदाय पर पड़ रहे नाकारात्मक प्रभाव को चुप-चाप बैठ कर नहीं देख सकता है.

वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में अबतक क्या- क्या हुआ?

बता दें कि वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को वैधानिक चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर की गई है. इस मामले में बीते महीने 16 और 17 अप्रैल को लगातार सुनवाई हुई थी. जहां कोर्ट ने इसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को सात दिन का समय दिया था.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया और वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की.

वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 ताजा सुनवाई कल यानी कि 5 मई को हुई. जहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले को अगले चीफ जस्टिस बीआर गवई के समक्ष तय कर दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले चीफ जस्टिस बीआर गवई की बेंच करेगी.

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