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हैदराबाद में ‘मिलियन मार्च’ आह्वान करने पर मुस्लिम नेता नजरबंद

हैदराबाद: हैदराबाद पुलिस ने निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा की ईशनिंदा वाली टिप्पणियों के खिलाफ बुधवार को प्रस्तावित मिलियन मार्च से पहले तहरीक मुस्लिम शब्बन के मोहम्मद मुश्ताक मलिक और उनके संगठन के अन्य नेताओं को नजरबंद कर दिया।

पुलिस ने मलिक पर भी मामला दर्ज किया, जिन्होंने घोषणा की कि अन्य राज्यों की स्थिति को देखते हुए पुलिस अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझाव पर वह मिलियन मार्च के आह्वान को वापस ले रहे हैं।

तहरीक मुस्लिम शब्बन और कुछ अन्य संगठनों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने 18 जून को शहर के बीचों-बीच इंदिरा पार्क में नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मिलियन मार्च निकालने की घोषणा की थी।

मलिक ने हालांकि कहा कि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि 18 जून को पुराने शहर के याकूतपुरा बड़ा बाजार में इसी मुद्दे पर एक जनसभा करने की अनुमति दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि उनका प्रस्तावित मार्च किसी समुदाय या पार्टी के खिलाफ नहीं था, बल्कि उन लोगों के खिलाफ था, जिन्होंने पैगंबर के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि जेएसी के कई नेताओं को भी नजरबंद किया गया है।

मलिक और अन्य नेताओं द्वारा मिलियन मार्च की योजना की घोषणा के बाद पुलिस हरकत में आई। मलिक के खिलाफ चादरघाट पुलिस स्टेशन में भी मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से काम करना) और 505 (2) (नफरत फैलाने) के तहत मामला दर्ज किया।

एक पुलिसकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मलिक अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलियन मार्च में शामिल होने की अपील कर रहे हैं।

जुमे की नमाज के बाद शहर में अलग-अलग जगहों पर हुए भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस अलर्ट पर है। मेहदीपट्टनम इलाके में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

देश के कुछ अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर हैदराबाद पुलिस हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है। पिछले दो दिनों के दौरान इसने दो जगहों पर कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा नूपुर शर्मा के समर्थन में रैलियां निकालने के प्रयासों को विफल कर दिया।

मलिक की अध्यक्षता वाली जेएसी ने जनवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ एक मिलियन मार्च का आयोजन किया था, जिसे जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली थी। पुलिस ने बाद में मलिक और अन्य आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

—आईएएनएस

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