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सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- ‘बच्चे दो ही अच्छे’ के कानून का नहीं करूंगा समर्थन

नई दिल्ली: देश में बढ़ती आबादी को लेकर इन दिनों बहस चल रही है और एक वर्ग की ओर से इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए जाने की मांग की जा रही है। इस बीच एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि वह ऐसे किसी कानून के समर्थन नहीं करेंगे, जिसमें दो बच्चे पैदा करने की सीमा तय कर दी जाए।

ओवैसी ने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘हमें चीन की गलती नहीं दोहरानी चाहिए। मैं ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करूंगा, जिसमें दो बच्चों की नीति बनाने की बात हो। इससे देश को कोई फायदा नहीं होगा।’ इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि जनसंख्या में इजाफे के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।

हिन्दुस्तान न्यूज़ के अनुसार, उनका कहना था कि मुस्लिम समुदाय गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान के जवाब में यह बात कही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसी एक वर्ग की जनसंख्या ज्यादा बढ़ने से अराजकता फैल जाएगी और जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए।

ओवैसी ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था, ‘उनके अपने हेल्थ मिनिस्टर का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है। मुस्लिम ही गर्भ निरोधक उपायों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। 2016 में देश में फर्टिलिटी रेट 2.6 था, जो अब कम होकर 2.3 रह गया है। भारत में जनसंख्या का संतुलन दुनिया में सबसे बेहतर है।’

ओवैसी बोले- क्या मुस्लिम भारत के निवासी नहीं हैं?

मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ने के सवाल पर ओवैसी ने कहा था, ‘क्या मुस्लिम भारत के रहने वाले नहीं हैं? यदि हम सच्चाई देखें तो यहां के मूल निवासी को आदिवासी और द्रविड़ ही हैं। यूपी में बिना किसी कानून के ही फर्टिलिटी रेट में कमी 2026-30 के बीच देखने को मिल सकती है।’

ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि भारत की फर्टिलिटी रेट लगातार कम हो रही है। 2030 तक इसमें स्थिरता देखने को मिलेगी। हमें चीन की गलती यहां नहीं दोहरानी चाहिए। हालिया चर्चा योगी आदित्यनाथ के बयान से शुरू हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक ही वर्ग की आबादी ज्यादा तेजी से बढ़ने पर अराजकता फैल जाएगी।

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