‘अगर सांप्रदायिक हिंसा को रोका नहीं गया तो देश की हालत श्रीलंका से भी ज़्यादा ख़राब होगी’: महबूबा मुफ़्ती

श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रतिबंध लगाना एक स्वागत योग्य कदम है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया है.

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जिस तरह से देश में सांप्रदायिक हिंसा को हवा दी जा रही है, अगर सांप्रदायिक हिंसा को रोका नहीं गया तो देश की हालत श्रीलंका से भी ज़्यादा ख़राब होगी. महबूबा मुफ्ती ने इन बातों का इज़हार अपनी आवास गुपकार में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पीडीपी में शामिल होने के एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर जिस तरह का संज्ञान लिया है वह स्वागत योग्य है क्योंकि भाजपा सरकार अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ इस कानून का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की निगरानी में देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और सांप्रदायिक दंगे भड़काए जा रहे हैं जो पूरे देश के लिए खतरनाक साबित होगा.

उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है, जबकि अल्पसंख्यक आबादी विशेषकर मुसलमानों को हर दिन हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है लेकिन सरकार या अदालत इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद यहां के लोगों को बेइख्तियार किया गया और ऐसे कानून दिन-ब-दिन लागू किए जा रहे हैं जो लोगों के हितों के खिलाफ हैं.

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