SADAA Times

नफरत भरे माहौल में 100 साल पुरानी मस्जिद की हिंदू कर रहे देखभाल

Nalanda Dumrawan Mosque_Sadaa Times

फोटो साभार: सोशल मीडिया

नालन्दा (बिहार): देशभर में जहां मस्जिदों को लेकर विवाद जारी है. वहीं बिहार में एक हिन्दू परिवार ने गंगा-जमुनी तहज़ीब की शानदार मिसाल पेश की है. आपको शायद सुनने में अजीब लगे कि आज के इस नफ़रत भरे माहौल में भी एक मस्जिद की देखभाल, सफ़ाई और सुरक्षा का काम एक हिंदू परिवार कर रहा है. खास बात यह है कि इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहने के बावजूद भी पांचों वक्त की अजान पाबंदी से होती है.

ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, ये मस्जिद नवादा के डुमरावां गांव में स्थित है. करीब 100 साल पुरानी इस मस्जिद की देखभाल और हिफाजत करने की जिम्मेदारी अनिल पासवान के दादा ने ली थी. दादा के इतंकाल के बाद अब पोता अनिल पासवान ने इस जिम्मेदारी को आगे बढ़ाया, जो आज भी जारी है.

अनिल पासवान ने बताया कि बचपन में अपने दादा के साथ मस्जिद की सफाई करने आया करते थे. उन्होंने कहा कि अब तक मस्जिद का एक भी पत्थर या ईंट किसी हिंदू परिवार ने नहीं उठाया है. ईद और बकरीद के मौके पर, जब भी कोई मुस्लिम परिवार इस मस्जिद में नमाज अदा करने आते हैं, तो उनके लिए सेवईयां और खाने-पीने का इंतजाम भी उनके परिवार वाले ही किया करते हैं.

गांव के एक दूसरे व्यक्ति ने बताया कि इस गांव में कुछ समय पहले तक मुस्लिम समुदाय के कई परिवार रहते थे, जो इस मस्जिद की देखभाल करते थे. लेकिन, धीरे-धीरे ये परिवार शहरों की तरफ पलायन कर गए. ऐसे में, इस मस्जिद के देखभाल करने के लिए एक भी मुस्लिम परिवार नहीं बचा तो इसकी जिम्मेदारी अनिल पासवान के दादा ने अपने ऊपर ले ली.

अनिल पासवान की माली हालत काफी खराब है. पासवान की बीवी ने कहा कि अभी उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है और उनका बेटा भी पढ़ाई कर रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि जैसे ही बेटे की पढ़ाई पूरी होगी, वे मस्जिद की मरम्मत करवाएंगे. डुमरावां मस्जिद के अहाते में एक कुआं भी है. इसी कुएं के पानी से नमाजी वजू करते हैं.

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