Jharkhand Politics News: झारखंड में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है. भाजपा झारखंड के दो बड़े नेताओं के झामुमो में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे है. इस खबर के बाद राज्य में सियासी चर्चाएं तेज हो गई है.
बता दें कि कुड़मी समाज के कद्दावर नेता माने जाने वाले पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो और उनकी पत्नी पूर्व सांसद आभा महतो मंगलवार, 21 जनवरी को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में मुलाकात करने पहुंचे. इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री और दोनों नेताओं के बीच कई विषयों पर बातचीत हुई. बीजेपी के इन दोनों नेताओं के मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे है.
‘भाजपा से चल रही है नारजगी’
कुड़मी नेताओं के रूप में इनकी राज्य में काफी पहचान है. विधानसभा चुनाव 2024 में बहरागोड़ा विधानसभा से आभा महतो ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की थी, हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिला था. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दोनों नेता इसी कारण भाजपा से नाराज भी चल रहे थे. शैलंद्र महतो के एक साथी के मुताबिक, दोनों के घर वापसी पर बात हो गई है. जल्द ही दोनों की झामुमो में वापसी हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो झारखंड विधानसभा चुनाव के झटके के बाद भाजपा को यह सबसे बड़ा झटका लग सकता है.
‘मुख्यमंत्री को अपना समर्थन देते रहेंगे’
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद जब झामुमो के पूर्व केंद्रीय महासचिव रहे शैलेंद्र महतो से इस संबंध में पूछा गया कि क्या उनकी झामुमो में वापसी हो रही है. इस पर पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा कि अब हम वरिष्ठ हो चुके हैं.
इसलिए युवा मुख्यमंत्री को राज्य को अच्छे तरीके से चलाने के लिए आशीर्वाद देने गए थे. और राज्य के युवा मुख्यमंत्री को आगे भी अपना समर्थन देते रहेंगे.
इन भाजपा नेताओं ने थामा झामुमो का दामन
बता दें कि झारखंड में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो में बीजेपी के कई नेता शामिल हुए थे. पूर्व विधायक, मंत्री लुईस मरांडी, घाटशिला के पूर्व लक्ष्मण टुडू, बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी गणेश महली, पूर्वी सिंहभूम के भाजपा जिलाध्यक्ष बारी मुर्मू, भाजपा नेता बास्को बेसरा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दामन थामा था.