नई दिल्ली: ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर जर्मन विदेश मंत्रालय ने भारत की तीखी आलोचना की है. जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पत्रकारों को उनके लिखने और बोलने के लिए परेशान या कैद नहीं किया जाना चाहिए. हम वास्तव में इसके बारे में जानते हैं और नई दिल्ली में हमारा दूतावास इसकी बहुत बारीकी से निगरानी कर रहा है.
ईटीवी इंडिया रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन दूतावास ने कहा कि यूरोपीय संघ मानवाधिकारों पर भारत के साथ बातचीत कर रहा है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता उन चर्चाओं का केंद्र बिंदु है.
German foreign ministry on detention of Mohammed Zubair /2
– Germany aware of this case
– Embassy "monitoring very closely"
– In contact with EU partners on the matter
– Importance of press freedom "also applies to India"— Richard Walker (@rbsw) July 6, 2022
जर्मन मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है. इसलिए, कोई भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों को वहां आवश्यक स्थान दिए जाने की उम्मीद कर सकता है.
वहीं, इस बीच, गुरुवार को, दिल्ली ने जर्मन मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि जुबैर का मामला एक घरेलू मुद्दा था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी. ‘मुझे लगता है कि हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है और अनभिज्ञ टिप्पणियां बेकार हैं और इससे बचा जाना चाहिए. मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इस मामले में एक न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और मुझे नहीं लगता कि मेरे लिए या किसी और के लिए ऐसे मामले पर टिप्पणी करना उचित होगा जो न्यायाधीन है.