नई दिल्ली: कोलकाता पुलिस ने शनिवार को निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है.
कोलकाता पुलिस ने यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी और उसके बाद हुई हिंसा की घटनाओं पर तीखी टिप्पणी के एक दिन बाद हुई है.
एक लुक आउट सर्कुलर का उपयोग कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि एक व्यक्ति जो जांच में वांछित है और फरार है वह देश नहीं छोड़ सकता. यह आमतौर पर जारी होने की तारीख से एक साल तक के लिए वैध होता है.
West Bengal | Kolkata Police issues a Look Out Circular against suspended BJP leader Nupur Sharma.
Earlier she was asked to appear before the Amherst and Narkeldanga Police Stations. However, she didn't appear before them and sought more time.
— ANI (@ANI) July 2, 2022
एचडब्लू न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, नूपुर शर्मा के खिलाफ एक स्थानीय निवासी की शिकायत पर 13 जून को कोलकाता के नारकेलडांगा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. शर्मा को 20 जून को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने और समय मांगा और कहा कि वह उक्त तारीख पर जांच में शामिल होने में असमर्थ है.
नूपुर शर्मा को 23 जून को कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन से दूसरा नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्हें 25 जून को पेश होने के लिए कहा गया था.
जून के दूसरे सप्ताह के दौरान शर्मा की पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल के हावड़ा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में व्यापक हिंसा हुई थी.
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बारे में विवादित टिप्पणी को लेकर उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी (नुपुर की) ‘अनियंत्रित जुबान’ ने पूरे देश को आग में झोंक दिया. न्यायालय ने नुपुर शर्मा को अपनी इस टिप्पणी के लिए देश से माफी मांगने को भी कहा है.
न्यायालय ने शर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने संबंधी उनकी अर्जी स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने (शर्मा ने) पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बारे में टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की.
पीठ ने कहा, ‘जिस तरह उन्होंने देशभर में लोगों की भावनाओं को भड़काया, उससे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए केवल यह महिला जिम्मेदार है. हमने बहस देखी है.’
शीर्ष अदालत ने कहा कि उनका (शर्मा का) अपनी ‘जुबान पर काबू नहीं’ है और उन्होंने ‘गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए हैं और वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं. उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी.’
पीठ ने कहा, ‘उन्होंने बहुत देर से माफी मांगी और वह भी यह कहते हुए मांगी कि यदि धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, वगैरह वगैरह. उन्हें तत्काल टीवी पर आकर देश से माफी मांगनी चाहिए थी.’