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जमात इस्लामी हिंद के पूर्व अध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी का इंतकाल

नई दिल्ली: सदा टाइम्स को कुछ समय पहले एक दर्दनाक खबर मिली कि जमात इस्लामी हिंद के पूर्व अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के जामिया नगर के अल शिफा अस्पताल में इंतकाल हो गया. वे 87 वर्ष के थे.

मौलाना जलालुद्दीन उमरी का जन्म 1935 में दक्षिण भारत के तमिलनाडु के उत्तरी अर्कोट जिले के एक गांव हुआ था. उनके पिता का नाम सैयद हुसैन था.

मौलाना को वर्तमान युग के महान धार्मिक विद्वानों में से एक माना जाता था, इस समय वे जमात इस्लामी हिंद की शरिया परिषद के अध्यक्ष थे.

मौलाना जलालुद्दीन कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे, उन्हें डॉक्टरों की एक टीम की देखरेख में गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया था.

वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक और एक बेहतरीन वक्ता थे.

प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल में प्राप्त की, फिर उन्होंने अरबी अध्ययन के लिए जामिया दारुस्सलाम, उमराबाद में दाखिला लिया और 1954 में फ़ज़ीलत का कोर्स पूरा किया. साथ ही उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय की परीक्षा भी दी और फारसी भाषा और अदब की डिग्री ‘मुंशी फाजिल’ हासिल की. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीए (केवल अंग्रेजी) प्राइवेट से पास की.

वह लगातार तीन बार जमात इस्लामी हिंद के अमीर रहे. 2007 में पहली बार उन्हें जमात इस्लामी हिंद का अमीर चुना गया था. इससे पहले नायब अमीर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. मौलाना का पूरा जीवन तहरीक-ए-इस्लामी की आब्यारी में गुज़री. वह मूल रूप से तमिलनाडु के थे, लेकिन उनका अधिकांश जीवन उत्तर भारत में बीता. लंबे समय तक तस्नीफी अकादमी अलीगढ़ में अपनी सेवाएं दी. आप लोगों से बहुत ही अच्छे से मिलते थे, जब भी किसी से मिलते गले लगा लेते और ढेर सारी दुआएं देते.

हम दुआ करते हैं कि अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी के गुनाहों को माफ़ कर उन्हें जन्नतुल फिरदौस में एक उच्च स्थान प्रदान करे.

बता दें कि कल सुबह 10 बजे जमात इस्लामी हिंद के कैंपस में नमाज़े जनाज़ा अदा किया जाएगा.

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