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अलीगढ़ में मॉब लिंचिंग पीड़ितों से मिले MP चंद्रशेखर, कहा- सभी हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी हो और संगीन धाराओं में चले मुकदमा

Aligarh Mob Lynching Case: अलीगढ़ में बीते दिनों गोमांश के आरोप में चार मुस्लिम व्यापारियों को कथित रूप से हिंदूवादी संगठन के लोगों ने बुरी तरह से बेरहमी से पीटा था और उनके लोडर पर आग लगा दी थी. इस घटना के बाद भारी संख्या में विरोध देखा जा रहा है. लोग दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. कल 26 मई को कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इसी बीच नगीना सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोला. इसके साथ ही पीड़ितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन भी दिया.

सासंद चंद्रशेखर आजाद ने पीडितों से मुलाकात के कई तस्वीरें सोशल मीडिया में शेयर की. इस पोस्ट के जरिए सांसद ने सरकार और प्रशासन पर कड़े सवाल उठाए.

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ के हरदुआगंज में असामाजिक संगठनों से जुड़े गुंडों ने चार मुस्लिम मीट सप्लायरों को बीच सड़क पर पुलिस के सामने बेरहमी से पीटा, उनके हाथ-पांव बांधे, लोडर को आग के हवाले किया और दिल्ली-कानपुर हाईवे को एक घंटे तक जाम किया.

‘मुस्लिम और गरीब तबके के व्यापार पर संगठित हमला’

उन्होंने आगे कहा कि भीड़ ने पुलिस कर्मियों से भी धक्का-मुक्की की, पीआरवी की गाड़ी के शीशे तोड़े और कानून को ठेंगा दिखाते हुए सड़क पर मांस फेंककर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की. यह सिर्फ एक कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि मुस्लिम और गरीब तबके के व्यापार पर संगठित हमला है.

सासंद चंद्रशेखर आजाद ने सवाल उठाते हुए कहा कि दो दिन बाद आरोपियों का पुलिस की गिरफ्त से बाहर होना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल है.

पूरा मामला यह है?

बता दें कि यह पूरा मामला अलीगढ़ जिले के थाना अकराबाद क्षेत्र के अलहदादपुर गांव के पास पैनेठी इलाके का है. जहां हिंदूवादी संगठनों ने गौमांस की शक में चार मुस्लिम व्यापारियों अरबाज, कदीर, अकील प्रथम व अकील को घेर लिया. इसके बाद इन चारों को बेरहमी से मारा और कपड़े फाड़ दिए. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस के आने के बाद भी हिंदू संगठन के लोगों ने चारो को मारना जारी रखा. पुलिस ने बड़ी मशक्कत के साथ चारों घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा.

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