पंजाब के होशियारपुर में न तो उम्र और न ही आर्थिक स्थिति 80 वर्षीय एक मोची को चुनाव मैदान में उतरने से रोक पाई. ओम प्रकाश जाखू 20 फरवरी को पंजाब में अपना 20वां चुनाव लड़ेंगे.
जाखू रोजी-रोटी कमाने के लिए होशियारपुर में घंटाघर के पास एक छोटी-सी दुकान में जूते-चप्पलों की मरम्मत करते हैं. वह कहते हैं, ‘यह उनका जुनून है, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है.’ जाखू होशियारपुर से भारत राष्ट्र डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
वह कहते हैं, ‘मैंने अपनी आधी जिंदगी चुनाव लड़ने में गुजार दी. इनमें से ज्यादातर चुनाव विधायक पद के लिए थे.’
होशियारपुर से विधायक पद की दौड़ में शामिल अन्य प्रत्याशियों में कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुंदर शाम अरोड़ा, भाजपा के तीक्ष्ण सूद और ‘आप’ के ब्रम शंकर प्रमुख हैं.
जाखू ने आज तक एक भी चुनाव नहीं जीता है, बावजूद इसके वह गर्व से कहते हैं, ‘मैं अपना 20वां चुनाव लड़ने जा रहा हूं.’
जाखू के मुताबिक, उन्होंने होशियारपुर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से नगर निकाय चुनाव भी लड़ा है, जिनमें शामचौरासी, चबेवाल और गढ़दीवाला शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वह अतीत में बहुजन समाज पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमा चुके हैं.
जाखू की कमाई भले ही उनके परिवार के गुजर-बसर लायक ही हो, लेकिन यह बात उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोकती. चुनाव लड़ने के बारे में वह कहते हैं, ‘यह मेरा जुनून है.’
जाखू के अनुसार, उनकी 75 वर्षीय पत्नी भजन कौर और बच्चे चुनाव लड़ने के उनके फैसले का समर्थन करते हैं.
उन्होंने दावा किया कि आपातकाल के दौरान उन्हें जेल भेजा गया था और वह एक समय बसपा के संस्थापक कांशीराम के ‘काफी करीब’ हुआ करते थे. जाखू के मुताबिक, होशियारपुर प्रवास के दौरान कांशीराम उनके साथ काफी समय गुजारते थे.
चुनाव जीतने के बाद की अपनी योजनाओं के बारे में जाखू ने कहा कि वह 18 साल की उम्र तक सबको मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में काम करेंगे. उन्होंने शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाना भी अपना लक्ष्य बताया.
जाखू कहते हैं, ‘युवाओं को ड्रग्स के दलदल से बचाना जरूरी है.’ उन्होंने बताया कि वह एक ऐसे समतावादी समाज की स्थापना होते देखना चाहते हैं, जहां हर नागरिक के लिए समान अवसर उपलब्ध हों.’
(इनपुट) पीटीआई-भाषा