Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल में वकीलों ने शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता जफर अली की गिरफ्तारी के बाद जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वकीलों के ग्रुप ने इसके साथ ही अदालती कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए मार्च निकाला है. बता दें कि 24 नवंबर की हिंसा में साजिश के आरोप में म को गिरफ्तार किया गया है.
‘यह अन्यायपूर्ण है’
वकीलों ने जफर अली के गिरफ्तारी का विरोध करते कहा कि यह अन्यायपूर्ण है. साथ ही भारी तादाद में वकीलों ने शहर में मार्च निकाला. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और उन पर कानून की धारा 135 और 126 के तहत अली के रिश्तेदारों को कानूनी नोटिस जारी करने का आरोप लगाया.
अदालत परिसर में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन स्कूलों तक फैला
जफर अली के गिरफ्तारी के विरोध में शामिल वकील मोहम्मद इस्लाम ने कहा कि जफर अली के भाइयों को गलत तरीके से निशाना बनाया गया है. यह विरोध उनके द्वारा झेले गए उत्पीड़न के खिलाफ है. उन्होंने आगे कहा कि वकीलों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? अदालत परिसर में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन स्कूलों तक फैल गया है. बता दें कि जहां वकीलों ने अली की रिहाई तक अपना काम फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया है.
‘गलत तरीके से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया’
एक अन्य प्रदर्शनकारी वकील शकील अहमद ने दावा किया, “हमारे वरिष्ठ सहयोगी को गलत तरीके से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. पूरे बार ने फैसला किया है कि जब तक जफर रिहा नहीं हो जाता, तब तक कोई भी वकील अदालत में प्रवेश नहीं करेगा.” उन्होंने प्रशासन पर अली के परिवार को निशाना बनाने का आरोप लगाया. आगे उन्होंने बताया कि उनके भाइयों और भतीजों को नोटिस जारी किए गए हैं, जो पूरे परिवार को डराने-धमकाने के प्रयास का संकेत है.
अहमद ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि विरोध बढ़ सकता है. उन्होंने कहा, “विभिन्न जिलों में पहले से ही हड़तालें हो रही हैं, और बार काउंसिल के आदेशों के बाद, राज्यव्यापी बहिष्कार अगला कदम हो सकता है.” दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए अली को अदालत की सुनवाई के बाद भी जेल में रखा गया है.