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Supreme Court ने अली खान महमूदाबाद की अंतरिम जमानत बढ़ाई… कहा- जांच का दायरा सीमित रखें

Ali Khan Mahmudabad Case:  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज यानी कि बुधवार, 28 मई को आशोका यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ा दी. कोर्ट ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित चल रही जांच मामले पर कुछ भी नहीं बोल सकते हैं. लेकिन अली खान महमूदाबाद के बोलने और लिखने पर कोई पाबंदी नहीं है.

इस मामले पर अली खान महमूदाबाद की तरफ पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने कोर्ट से गुजारिश की कि अगर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ इस तरह की जांच होगी तो ये एक गलत संकेत देगा.

‘अली खान महमूदाबाद के बोलने और लिखने पर कोई पाबंदी नहीं’

इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच ने महमूदाबाद की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उनके खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित मामले पर वह कुछ भी ऑनलाइन पोस्ट नहीं कर सकते हैं. हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अली खान महमूदाबाद के बोलने और लिखने पर कोई आपत्ति नहीं है.

‘जांच का दायरा दो सोशल मीडिया पोस्ट तक ही सीमित रखा जाए’

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस दौरान कहा कि जांच को दो सोशल मीडिया पोस्ट तक ही सीमित रखा जाए. डिवाइस जब्त करने या दूसरे पहलुओं की जांच करने की जरूरत नहीं है.

NHRC के नोटिस का जवाब देने का आदेश

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पुलिस से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के नोटिस का जवाब देने को भी कहा. बता दें कि NHRC ने महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा है कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार, उसकी गिरफ्तारी की परिस्थितियां मानवाधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के उल्लंघन को दर्शाती हैं.

क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर एक टिप्पणी की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अली खान महमूदाबाद ोक अंतरिम जमानत दे दी.

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