गांवों से पलायन रोकने के लिये ‘शिक्षा, रोजगार, मनोरंजन’ पर ध्यान देना जरूरी: उपराष्ट्रपति

नयी दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, रोजगार और मनोरंजन पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि गांवों से लोगों के पलायन को रोका जा सके.

आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘पंचायतों के नवनिर्माण के संकल्प उत्सव’ को संबोधित करते उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने यह बात कही.

पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान को लेकर नायडू ने परोक्ष रूप से तंज करते हुए कहा, ‘हमारे पड़ोस में भी एक देश है लेकिन वहां कोई लोकतंत्र नहीं है और हमें नहीं मालूम कि वहां क्या हो रहा है.’

उन्होंने कहा कि वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं लेकिन वास्तविकता यही है कि हमारे देश में हर स्तर पर लोकतंत्र है.

नायडू ने ग्रामीण क्षेत्रों में 2.78 लाख स्थानीय निकायों का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया के किसी दूसरे देश में विभिन्न स्तरों पर इतनी संख्या में लोकतांत्रिक संस्थाएं नहीं हैं.

वेंकैया नायडू ने कहा, ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ अपने आप में एक सशक्त, समर्थ भारत के निर्माण का संकल्प लेने का पर्व है. मुझे हर्ष है कि पंचायती राज मंत्रालय सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को स्थानीय स्तर पर हासिल करने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है.’

(इनपुट पीटीआई-भाषा)

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