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असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से क्यों पूछा यह सवाल- ‘क्या अब घर में भी नमाज़ नहीं पढ़ सकते मुसलमान?’

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए उनसे सवाल किया है कि क्या अब भारत के मुसलमानों को घर में नमाज़ पढ़ने के लिए भी प्रशासन की मंज़ूरी लेनी पड़ेगी.

बीबीसी की खबर के मुताबिक़ दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 24 अगस्त को दो घरों में बड़ी संख्या में लोग नमाज़ पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे.

मस्जिद के बजाय मकान में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के नमाज़ पढ़ने पर पुलिस में शिकायत दी गई.

इसके बाद छजलैट थाना क्षेत्र में इसको लेकर मुक़दमा दर्ज किया गया और पुलिस ने कहा है कि गिरफ़्तारी की कोशिशें जारी हैं.

इसी मामले में समाचार एजेंसी एएनआई पर मुरादाबाद एसपी के बयान को कोट करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया, ‘कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जाएगा?’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज़ नहीं पढ़ सकते? क्या अब नमाज़ पढ़ने के लिए भी हुकूमत/पुलिस से इजाज़त लेनी होगी? नरेंद्र मोदी को इसका जवाब देना चाहिए, कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जाएगा?’

उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘समाज में कट्टरपंथ इस हद तक फैल गया है कि अब दूसरों के घरों में नमाज़ पढ़ने से भी लोगों के ‘जज़्बात’ को ठेस पहुंच जाती है.’

अमृत विचार की खबर के अनुसार, मुरादाबाद में 24 अगस्त को दो घरों में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने के मामले में दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा की गई शिकायत के बाद 26 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.

एसपी देहात संदीप सिंह का कहना है कि मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र के ग्राम दुल्हपुर में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने की शिकायत बीती 24 अगस्त को की गई थी, जिसका संज्ञान लिया गया है. 16 नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है.

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