ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था लेकिन लगता है कि यूपी के मुसलमानों ने ओवैसी को नकार दिया है जिसकी वजह से AIMIM यूपी में खाता खोलने में असफल रही.
AIMIM सुप्रीमो और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए एक नया मोर्चा, भागीदारी परिवर्तन मोर्चा शुरू किया था, जिसमें मुसलमानों, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और दलितों के बीच समर्थन वाले दलों को शामिल किया गया था.
ओवैसी ने यह भी कहा था कि अगर भागीदारी परिवर्तन मोर्चा चुनाव जीतता है, तो उसके दो मुख्यमंत्री होंगे – एक दलित और एक ओबीसी नेता, इसके अलावा तीन उपमुख्यमंत्री होंगे, जिनमें से एक मुस्लिम होगा.
बाबू सिंह कुशवाहा के नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी, वामन मेश्राम के नेतृत्व में भारत मुक्ति मोर्चा, अनिल सिंह चौहान के नेतृत्व वाली जनता क्रांति पार्टी और राम प्रसाद कश्यप के नेतृत्व वाली भारतीय वंचित समाज पार्टी मोर्चे का हिस्सा थीं.
यूपी में ओवैसी का प्रचार
यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी ने राज्य के लोगों के सामने आ रहे कई मुद्दों को उजागर करने की कोशिश की. इसने राज्य विधानसभा चुनावों में ‘हिजाब’ विवाद को भी ला खड़ा किया था.
हिजाब विवाद पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार हमारी बेटियों को हिजाब पहनने और पढ़ने की अनुमति नहीं दे रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन तलाक कानून के साथ मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने की बात करते हैं. क्या यह उनकी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान है?’
उन्होंने आजम खान के बारे में भी बात की जो इस समय कई आरोपों का सामना कर रहे हैं. फिलहाल खान जेल में बंद हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम
बीजेपी गठबंधन 274 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि सपा गठबंधन 123 सीटों पर आगे चल रही है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की फिर से सरकार बनने की पूरी संभावना है.
1985 के बाद से, यूपी में कोई भी सीएम दोबारा नहीं चुना गया है. हालांकि, योगी आदित्यनाथ इस प्रवृत्ति को तोड़ने के लिए तैयार हैं.
बसपा, कांग्रेस और अन्य तीन-तीन सीटों पर आगे चल रहे हैं. हालांकि, एआईएमआईएम राज्य में खाता खोलने में विफल रही.
यूपी में खाता न खुलना असदुद्दीन ओवैसी को काफी निराश कर सकता है. क्योंकि ओवैसी को यूपी की मुस्लिम जनता से काफी उम्मीदें थी.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने सिर्फ 0.41 फीसदी वोट हासिल किए हैं, जो बहुत ही कम है और पार्टी को पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा है. (द डेली सियासत से इनपुट )