राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्यावरण संरक्षण में जमीनी स्तर पर नवाचार के लिए नासिरा अख्तर को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया. नासिरा कुलगाम, जम्मू और कश्मीर की रहने वाली हैं, उन्होंने एक जड़ी-बूटी विकसित की जो पालिथीन को राख में बदल देती है, जिससे पालीथिन बायोडिग्रेडेबल हो जाती है.
बता दें कि राष्ट्रपति कोविंद ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 29 महिलाओं को 2020 और 2021 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया.
गौरतलब है कि ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किये जाने वाले उल्लेखनीय योगदान के लिए मान्यतास्वरूप महिला और बाल विकास मंत्रालय की पहल के तहत प्रदान किये जाते हैं.
कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण 2020 का पुरस्कार समारोह 2021 में आयोजित नहीं हो पाया था.
वर्ष 2020 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में उद्यमशीलता, कृषि, नवोन्मेष, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, एसटीईएमएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और गणित) तथा वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं शामिल हैं.
वर्ष 2021 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में भाषा-विज्ञान, उद्यमशीलता, कृषि, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, मर्चेंट नेवी, एसटीईएमएम, शिक्षा, साहित्य, दिव्यांगजन अधिकार आदि क्षेत्रों में योगदान देने वाली महिलाएं शामिल हैं.
पीटीआई-भाषा के खबर के अनुसार, यह पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मर्चेंट नेवी की कप्तान राधिका मेनन, नवाचार के लिए विख्यात नासिरा अख्तर, सामाजिक उद्यमी अनीता गुप्ता, आर्गेनिक खेती करने वाली आदिवासी कार्यकर्ता ऊषाबेन दिनेशभाई वसावा, इंटेल इंडिया की प्रमुख निवृति राय, ‘डाउन सिंड्रोम’ से पीड़ित कथक नृत्यांगना सायली नन्दकिशोर अगवाने, सांपों को बचाने वाली पहली महिला वनिता जगदेव बोराडे और गणितज्ञ नीना गुप्ता शामिल हैं.