पुतिन को समझना चाहिए कि NATO के पास भी परमाणु हथियार: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फ्रांस ने चेताया

रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया में चिंता बढ़ गई है. वैश्विक स्‍तर पर सर्वाधिक चिंता इस बात को लेकर है कि यह युद्ध दो की लड़ाई से कहीं आगे न निकल जाए. साथ ही परमाणु युद्ध (Nuclear War) का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यवेस ले ड्रियन (French Foreign Minister Jean Yves Le Drian ) ने गुरुवार को कहा कि रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) जब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे रहे हैं तो उन्हें यह समझने की जरूरत है कि नाटो भी एक परमाणु गठबंधन है.

रॉयटर की खबर के मुताबिक, यह पूछे जाने पर कि क्या पुतिन की धमकी ‘ऐसे परिणाम जिसका आपने अपने इतिहास में कभी सामना नहीं किया है’ यूक्रेन संघर्ष में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी के समान थे? ले ड्रियन ने कहा कि इसे इसी तरह समझा गया था.

फ्रांस के विदेश मंत्री ने देश के टेलीविजन टीएफ-1 पर कहा, ‘मुझे लगता है कि व्लादिमीर पुतिन को भी समझना चाहिए कि अटलांटिक गठबंधन एक परमाणु गठबंधन है.’

फोटो : ट्विटर

बता दें कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ कल हमला कर दिया था. इसे दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद से अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. साथ ही रूस ने यूक्रेन के 70 से अधिक ठिकानों को नष्‍ट करने का दावा किया है. यूक्रेन ने गुरुवार को कहा कि रूस ने दिन की शुरुआत में ही यूक्रेन पर 203 हमले किए. साथ ही कहा कि यूक्रेन में लगभग हर जगह लड़ाई चल रही है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) के अनुसार, रूस के हमले के पहले दिन 137 लोगों की जान चली गई है. उन्होंने कहा कि आज हमने अपने 137 हीरो, अपने नागरिकों को खो दिया है. जबकि 316 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने इस युद्ध में किसी का साथ न मिलने की बात भी कही. राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उनके देश को रूस से लड़ने के लिए छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा, ‘हमारे साथ लड़ने के लिए कौन खड़ा है? मुझे कोई नहीं दिख रहा है. यूक्रेन को नाटो सदस्यता की गारंटी देने के लिए कौन तैयार है? हर कोई डरता है.

फोटो : ट्विटर

यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग भारत के लिए भी परेशानी बढ़ाने वाली है. यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय मौजूद हैं. ऐसे में उन्‍हें सुरक्षित निकालना भारत के लिए बड़ी चुनौती है.

यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से बात की. इस दौरान यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम और इसके प्रभावों पर चर्चा हुई. इससे पहले एस जयशंकर ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव से भी बात की. इस दौरान एस जयशंकर ने बातचीत और कूटनीति से विवाद को सुलझाने पर जोर दिया.

वहीं, यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने का एलान किया है. बाइडेन ने कहा, पुतिन हमलावर हैं, उन्होंने युद्ध को चुना. अब वे और उनका देश हमले के नतीजे भुगतेगा. बाइडेन ने कहा, दुनिया के ज्यादातर देश रूस के खिलाफ हैं. हालांकि, बाइडेन ने साफ कर दिया कि वे यूक्रेन में अपनी सेना नहीं भेजेंगे. बाइडेन ने कहा कि वे नाटो देशों की इंचभर भी जमीन की रक्षा करेंगे. हम G-7 देश मिलकर रूस को जवाब देंगे. VTB समेत रूस के 4 और बैंकों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे. बाइडेन ने कहा, रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात करने की मेरी कोई योजना नहीं है. वह पूर्व सोवियत संघ को फिर से स्थापित करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि उनकी महत्वाकांक्षा उस जगह के बिल्कुल विपरीत हैं, जहां इस समय हम हैं.

(एनडीटीवी से इनपुट के साथ)

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