JPC approved the Waqf Amendment Bill: संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार, 27 जनवरी को 14 संसोधनों के साथ वक़्फ़ विधेयक को मंजूरी दे दी. यह विधेयक पिछले साल अगस्त, 2024 में सदन में पेश किया गया था. वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है.
विपक्ष सांसदों के प्रस्ताव खारिज
सत्तारूढ़ पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली JPC के सामने 44 संसोधन की गुजारिश की गई थी. जहां NDA सांसदों के द्वारा दिए गए 14 सुझावों को मंजूरी दे दी गई है. जबकि विपक्षी सदस्यों ने भी कुछ प्रस्ताव रखे, लेकिन वोटिंग के दौरान इन्हें खारिज कर दिया गया.
‘JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया’
वक़्फ़ विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद टीएमसी (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि बैठकों का यह दौर हास्यास्पद था. हमारी बात नहीं सुनी गई. जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है. इस पर जगदंबिका पाल ने कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को प्राथमिकता दी गई.
JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने क्या कहा?
JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा , “कुल 44 संशोधनों पर चर्चा की गई. छह महीने तक चली विस्तृत चर्चाओं में सभी सदस्यों से सुझाव मांगे गए. यह हमारी अंतिम बैठक थी. समिति ने बहुमत के आधार पर 14 संशोधनों को मंजूरी दी. विपक्ष ने भी इस विधेयक में अपने संशोधन सुझाए, जिन्हें वोटिंग में रखा गया था. जहां विपक्ष के सुझावों को 10 वोट मिले, जबकि 16 वोट उनके खिलाफ थे.”
विपक्षी सांसदों ने और क्या आरोप लगाए?
वक़्फ़ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की पहली बैठक पिछले साल 22 अगस्त को हुई थी. वहीं JPC की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था. इसके बाद समिति ने कल्याण बनर्जी, ओवैसी समेत 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था. विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया था कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया.