Sharjeel Imam Case: सोशल एक्टिविस्ट, आईआईटी ग्रैजुएट, पीएचडी के छात्र शरजील इमाम के जेल में गए आज यानी कि 28 जनवरी को पांच साल पूरे हो गए. सुप्रीम कोर्ट के सभी अदालतों को जमानत मामलों को जल्द निपटाने के आदेश के बावजूद दिल्ली हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पिछले दो साल, नौ महीने से पेंडिंग है.
शरजील इमाम को 25 अगस्त 2020 को दंगों के साजिश मामले में गिरफ्तार किया गया था. जहां फरवरी 2020 में नॉर्थ- ईस्ट दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के लिए सीएए (CAA) का विरोध करने वाले छात्रों और कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया गया था.
जानें क्या था पूरा मामला?
जनवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ हो रहे ऐतिहासिक आंदोलन के दौरान शरजील इमाम ने कई भाषण दिए थे. इमाम ने अपने भाषणों में CAA के खिलाफ विरोध करने के लिए सड़क नाकाबंदी का ऐलान किया था. इसके बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में पुलिस द्वारा उनके भाषणों को अलगाववादी और भड़काऊ बताते हुए शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह, यूएपीए (UAPA) सहित कठोर कानूनों के तहत का आरोप लगाया गया था.
जामिया में प्रदर्शन और नॉर्थ- ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों का आरोप
वहीं दिल्ली पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि शरजील इमाम के भाषणों से जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विरोध प्रदर्शन हुआ. साथ ही 2020 में नॉर्थ- ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों में इनके भाषणों का योगदान रहा. जहां दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम पर दिल्ली दंगों के साजिश मामले के साथ- साथ जामिया विरोध प्रदर्शन के मामले में भी मामला दर्ज किया.
अब तक इतनी बार हो चुकी है सुनवाई
पिछले तीन वर्षों में शरजील इमाम की जमानत याचिका पर 70 बार सुनवाई हो चुकी है. सात अलग-अलग बैंचों ने इस मामले की सुनवाई की है. साथ ही तीन जजों ने तो खुद को इस मामले से अलग भी कर लिया है.
शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियंरिंग की है. वहीं वह गिरफ्तारी के समय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र थे.