नई दिल्ली: दो वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना में अपने पहले बच्चे को खो चुके सीरियाई शरणार्थी रफत अबमोहिमिद और उनके 11 महीने के दूसरे बेटे पर पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी में कथित तौर पर तेजाब से हमला किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, स्थानीय गुंडों के एक समूह ने झगड़े के दौरान विस्फोटक पदार्थों से सीरियाई परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया, जिसमें दो घायलों को आपातकालीन उपचार के लिए सफदरजंग अस्पताल भेजा गया है।
पुलिस ने इस मामले में 7 अक्टूबर को एक एफआईआर दर्ज कर ली है।
आपको बता दें कि, यह घटना 30 सितंबर की है, जब कुछ लोगों ने रफत और उसके बेटे के साथ उस समय दुर्व्यवहार किया जब उसकी पत्नी मारिसा सार्वजनिक शौचालय में गयी थी।
विस्फोटक तरल पदार्थ के डिब्बे लेकर जब गुंडे करीब आए, तो रफत को ज़हरीली गंध महसूस हुई और उसने भागने की कोशिश की, लेकिन वह बच नहीं सका।
इसी दौरान आरोपियों ने तुरंत बेरहमी से तेज़ाब फेंक दिया और भाग गए। जब उनकी त्वचा कठोर रासायनिक प्रभावों से जलने लगी, तो रफत ने अपने बेटे को जकड़ लिया और राहगीरों और ऑटो रिक्शा वालों से मदद मांगी। अंत में एक मोटरसाइकिल सवार ने उन्हें रोका और इलाज के लिए अस्पताल ले गया।
इस मामले को लेकर पीड़ित ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, हम शरणार्थी हैं और सहायता के लिए हम केवल UNHRC के बारे में ही सोच सकते हैं।
घटना के संबंध में विकासपुरी थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 124(2) (तेजाब से हमला) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।