जामिया में संस्कृत विभाग के द्वारा विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) नई दिल्ली में 104वां स्थापना दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य में जामिया के संस्कृत विभाग के द्वारा दिनांक 24 अक्टूबर 2024 को प्रातः 11.30 बजे से छन्द परिचय एवं प्रयोग विषय को लेकर विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया।

कार्यक्रम की निर्विघ्न समाप्ति हेतु मंगलाचरण का सुंदर पाठ शोधच्छात्रा प्रीति के द्वारा किया गया।विभागाध्यक्ष डॉ. जय प्रकाश नारायण ने वक्ता प्रो. कृष्ण चन्द त्रिपाठी (पूर्व अध्यक्ष,भाषा विभाग,एन.सी.आर.टी,नई,दिल्ली)का शॉल एवं लघु पादप से स्वागत किया साथ ही डॉ नारायण ने अपने स्वागत वक्तव्य में जामिया में हो रहे स्थापना दिवस की पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला।

मुख्य वक्ता ने छन्द की विशेषताओं को बताते हुए कुछ महत्त्वपूर्ण छंदों की रचना के नियमों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों से श्लोक निर्माण करवाया। छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।अतिथियों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन विभाग के सहायक आचार्य डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी ने किया तथा सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक डॉ मणि शङ्कर द्विवेदी के द्वारा किया गया। शांतिपाठ के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को 104वां स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत विविध संस्कृत प्रतियोगिताएं कराई गईं। निर्णायक के रूप में डॉ० रूबी शाण्डिल्य (श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली)तथा डॉ० अमित कुमार(जामिया मिल्लिया इस्लामिया,हिन्दी विभाग,नई दिल्ली) रहे।

अतिथियों का पादपगुच्छ के द्वारा अभिनंदन किया गया। सर्वप्रथम विभागाध्यक्ष डॉo जय प्रकाश नारायण ने सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम में सम्मिलित हुए सभी प्रतिभागियों को शुभकमनाएँ दीं।

उन्होंने छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि शिक्षण के अतिरिक्त समय -समय पर ऐसी प्रतियोगिताएं होनी चाहियें क्योंकि प्रतियोगिताओं में भाग लेने से विद्यार्थियों का मानसिक ,नैतिक और बौद्धिक विकास होता है।विभाग के सहायकाचार्य डॉ० धनञ्जय मणि त्रिपाठी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गौरवपूर्ण इतिहास और जामिया की 104 साल की यात्रा पर अपने विचार व्यक्त किये।

उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि किस प्रकार से इस विश्वविद्यालय की स्थपना में मुहम्मद अली जौहर,मुख्तार अहमद अंसारी ,शौकत अली ,अब्दुल मुजीब,महात्मा गांधी,जमुनालाल बजाज आदि व्यक्तियों की भूमिका रही।उन्होंने यह भी कहा कि अपनी स्थापना के बाद से, विश्वविद्यालय ने बेशुमार उपलब्धियां हासिल की हैं, जो देश के लिए यादगार और महत्त्वपूर्ण रहेंगी।यह बहुत गर्व की बात है कि संस्थान ने A++और NIRF की उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं और छात्रों का जामिया का अंग बनना एक गौरव की बात है।

प्रतियोगिता में स्नातक,स्नातकोत्तर, संस्कृत एवं अन्य विभाग के छात्र-छात्राओं की भागीदारी रही। इस अवसर पर संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता,संस्कृत गीत प्रतियोगिता,संस्कृत प्रश्नमञ्च प्रतियोगिता, इत्यादि का आयोजन किया गया। संस्कृत स्तोत्र पाठ प्रतियोगिता शोधच्छात्रों के लिए रखी गई थीं।

अन्त में निर्णायक डॉ रूबी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों ने अपनी प्रतियोगिताओं में उच्च कला कोटि का प्रदर्शन किया है।प्रतियोगिताएं छात्रों को सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए प्रेरित करती हैं। वहीं निर्णायक के रूप में उपस्थित रहे डॉ अमित कुमार ने भी प्रतियोगिता में भाग लिए सभी छात्रों की प्रशंसा करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का कुशल संचालन अतिथि प्राध्यापक डॉ मणि शङ्कर द्विवेदी के द्वारा किया गया। छात्रों को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार के द्वारा प्रदान किया गया।

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