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कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के भारतीय मेधावी छात्र रियाज़ुल समद के शोध से प्रभावित हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एमफ़िल व शोध कर रहे होनहार युवा छात्र चिवनिंग स्कॉलर रियाज़ुल समद का शोध कार्य सतत शहरी योजना ( Sustainable Urban Planning ) और जलवायु परिवर्तन शमन ( Climate Change Mitigation) विषय पर केंद्रित है.

पटियाली: इंग्लैंड की विश्वविख्यात कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भारत के मेधावी युवा आर्किटेक्ट और शहरी डिज़ाइनर चिवनिंग स्कॉलर रियाज़ुल समद बिन मोहम्मद ने चिवनिंग हाउस,केंट, इंग्लैंड में आयोजित चिवनिंग स्कॉलर मीट-अप कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और यूके के विदेश मंत्री डेविड लैमी का स्वागत किया.

यह कार्यक्रम विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यूके द्विपक्षीय यात्रा का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य भारत-यूके संबंधों का अकादमिक सहयोग के माध्यम से मज़बूत करना है.

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एमफ़िल व शोध कर रहे होनहार युवा छात्र चिवनिंग स्कॉलर रियाज़ुल समद का शोध कार्य सतत शहरी योजना ( Sustainable Urban Planning ) और जलवायु परिवर्तन शमन ( Climate Change Mitigation) विषय पर केंद्रित है. उन्होंने अपने शोध प्रेजेंटेशन भाषण में बताया शोध कार्य इस बात पर ज़ोर देता है कि प्राकृतिक संसाधनों को सतत शहरी विकास में एकीकृत करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से तेज़ी से विकसित हो रहे विश्व और भारत के सतत शहरों के भविष्य को आकार देना है तथा वैश्विक सतत शहरी योजना और जलवायु सहनशीलता को मज़बूत करने के वैश्विक प्रयासों का एक हिस्सा है.

कैम्ब्रिज, इंग्लैंड में अपने शोध कार्यों और वैश्विक नेतृत्व क्षमता के माध्यम से रियाजुल समद ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भारत को 2047 से पहले ही विकसित राष्ट्र और विश्व के सुपरपावर देशों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस अवसर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सात समंदर पार इंग्लैंड में आकार हमारा सिर गर्व से ऊंचा हो रहा है कि हमारे देश के मेधावी छात्र रियाज़ुल समद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में शोध कार्य कर व अन्य चिवनिंग स्कॉलर विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाकर भारत का नाम रोशन कर रहे है. आपने भूरी-भूरी प्रशंसा कर बधाई भी दी.

कार्यक्रम के समापन पर यूके के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा रियाज़ुल समद का वैश्विक शोध कार्य व अन्य चिवनिंग स्कॉलर का कार्य भारत और इंग्लैंड के बीच सतत विकास और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को हल करने में सेतू का कार्य करेगा.

रियाज़ुल समद न केवल अपने शोध कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा रहे है, बल्कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और छात्र गतिविधियों में कई महत्तपूर्ण पदो पर कार्य कर रहे है,जो उनके प्रभावशाली नेतृत्व और छात्र प्रतिनिधित्व में सक्रिय योगदान को दर्शाता है:

  1. यूनिवर्सिटी एंबेसडर-पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम , कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी
  2. पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम प्रतिनिधि -MAUS आर्किटेक्चर विभाग ,कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी
  3. ग्रीन ऑफिसर – कैम्ब्रिज जीरो लैब, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी
  4. डिप्टी रिटर्निंग ऑफिसर -कैम्ब्रिज यूनियन
  5. प्रोडक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंचार्ज – क्वींस कॉलेज, कैम्ब्रिज
  6. इवेंट्स ऑफिसर -MCR समिति , क्वींस कॉलेज
  7. पर्यावरण और स्थिरता अधिकारी -MCR समिति , क्वीन कॉलेज

अपने शोध कार्यों को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में साझा किया है:
AVICOM वार्षिक सम्मेलन , अक्तूबर 2024, ट्यूरिन, इटली में जहां उन्होंने डिजिटल संग्रहालयों पर अपने शोध पेपर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया.

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन व शोध कार्य चिवनिंग स्कॉलरशिप के बिना संभव ही नहीं असंभव था, यह वाक़ई रोमांचक है.

होनहार रियाज़ुल समद भारत के एक छोटे से ऐतिहासिक क़स्बे हज़रत अमीर ख़ुसरो की जन्मस्थली पटियाली से विश्व की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटियों में से एक कैम्ब्रिज में वैश्विक शोधकर्ता बनने तक की उनकी यात्रा शिक्षा की शक्ति और ग्लोबल बदलाव लाने की क्षमता को दर्शाती है.

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