कानपुर में 23 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चिन्हित

कानपुर: उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे शुरू हो गया है. अब तक कानपुर में 23 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को चिन्हित किया गया है. यूपी के सभी जिलों में भी सर्वे शुरू हो चुका है, जिनकी रिपोर्ट आने में अभी देर है. गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में ही अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं.

एएनआई की एक ट्वीट के अनुसार कानपुर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पवन सिंह ने बताया कि इस सर्वे के लिए प्रशासन द्वारा एक समय सीमा निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार समिति का गठन 10 सितंबर तक किया जाना था और मदरसों का सर्वेक्षण करने के बाद 5 अक्टूबर तक डीएम को रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी थी.

आवाज़ द वॉयस की खबर के मुताबिक, नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने तमाम राज्य सरकारों को नोटिस भेजे हैं कि उसे शिकायतें मिली हैं कि मदरसों में बच्चों की देखभाल सही ढंग से नहीं हो पा रही है. उनके लिए न तो ठीक से बैठने की जगह है और न ही उनके खाने-पीने का सही इंतजाम है. इसलिए तमाम सरकारी और गैर सरकारी मदरसों का सर्वे किया जाए और उसकी रिपोर्ट कमीशन को भेजी जाए.

इस नोटिस के बाद ही यूपी और असम में सर्वे शुरू हो चुका है और उत्तराखंड सरकार ने ऐसे सर्वे का ऐलान किया है. यूपी में गैर मान्यता हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, मदरसों का सर्वे सोमवार से शुरू हो गया है. 25 अक्तूबर को शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. शहर में 250 मान्यता प्राप्त और 23 वित्त पोषित मदरसे हैं. इनके अतिरिक्त चलने वाले मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त की सूची में डाला जाएगा. डीएम विशाख जी ने बताया शासन से सर्वे का आदेश आया है. कमेटी बनाकर सर्वे शुरू करा दिया गया है.

डीएम की ओर से बनाई गई टीम में सभी एसडीएम को अध्यक्ष बनाया गया है. इसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शामिल होंगे. तहसीलवार मदरसों का सर्वे किया जाएगा. शहर से लेकर गांवों तक यह टीमें 12 बिंदुओं के तय फॉर्मेट पर जानकारी एकत्र करेंगी. कमेटी को पांच अक्तूबर तक सर्वे पूरा करना होगा. इसके बाद दस अक्तूबर तक पूरा डाटा डीएम के पास जाएगा. वहां जांच करने के बाद 25 अक्तूबर को सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

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