जम्मू: जम्मू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग ने ‘पूर्व छात्रों की बैठक’ का पहला आयोजन किया, जिसमें काफी भीड़ देखी गई. पूर्व छात्रों ने अपने अनुभवों और उर्दू के विकास में उनकी भूमिका पर विचार व्यक्त किए.
आवाज़ द वायस की खबर के अनुसार, उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद रियाज अहमद ने पूर्व छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि बैठक का उद्देश्य पूर्व छात्रों को एक मंच पर लाना था.
उन्होंने कहा, आज आप यहां विभाग से जुड़ी यादें और अनुभव साझा कर सकते हैं, साथ ही उर्दू भाषा के विकास पर भी चर्चा कर सकते हैं.
इस अवसर पर पूर्व छात्रों ने अपने अनुभवों और यादों के बारे में बात की. पूर्व छात्रों की बैठक साल में दो बार होनी चाहिए. ताकि पूर्व छात्र उर्दू भाषा के विकास के लिए भविष्य की योजना तय कर सकें.
वक्ताओं ने पूर्व छात्र संघ बनाने पर सहमति व्यक्त की. विभाग के शिक्षकों डॉ. चमन लाल, डॉ. अब्दुल राशिद मिन्हास और डॉ. फरहत शमीम ने भी अपने विचार व्यक्त किए. प्रख्यात लेखक टी. अरेर्ना ने उर्दू की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. जावेदिराही ने कहा कि उर्दू विभाग के पूर्व छात्र-छात्राओं को उर्दू के विकास में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए.