नई दिल्ली: देश इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. हर साल 26 जनवरी का दिन प्रत्येक भारतीय के लिए बेहद खास होता है. 26 जनवरी, सन 1950 को पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया था. इसी दिन भारत का संविधान भी लागू किया गया था.
हमारी सदा ट्रस्ट के अधीन चलने वाले ‘औजे फलक शिक्षा सेंटर’ में 74वां गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. शिक्षा सेंटर के छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिला. इस मौके पर छात्रों ने खूब तैयारी कर रखी थी और छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.
इस दौरान छात्रों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर स्पीच, गीत और कविताएं सुनाईं और साथ ही साथ छात्रों ने रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये.
‘औजे फलक शिक्षा सेंटर’ में जहां छात्रों ने 74वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया तो वहीं इस मौके पर शिक्षा सेंटर के छात्रों ने देश के क़ानून का पालन करने का वचन लिया और सही से पढ़ाई करने, रोज़ साफ़ सुथरा कपड़ा पहनने और साथ ही साथ दिल लगा कर पढ़ाई करने का भी वचन लिया.
इस मौके पर शिक्षा सेंटर के छात्रों ने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, डॉ. भीम राव आंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, लाला लाजपत राय, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद वगैरह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को याद किया और उनकी कुर्बानियों को भी याद किया. इस मौके पर छात्रों ने बताया कि हमारा देश तो सन 1947 में आज़ाद हो गया था लेकिन अभी तक देश में अंग्रेज़ों का क़ानून चलता था. लेकिन जब हमारा संविधान 26 जनवरी, सन 1950 को लागू किया गया तब जाकर देश को पूरी तरह से अंग्रेज़ों से छुटकारा मिला.
इस मौके पर हमारी सदा ट्रस्ट के संस्पाथक मोहम्मद इरशाद आलम ने छात्रों से पूछा कि हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं? पूछने का उद्देश्य यह था कि जो छात्र नहीं जानते हैं वह भी जान लें और जो छोटे छोटे छात्र हैं उनको भी जानकारी हो सके. कुछ छात्रों ने बताया कि हमारे देश को आज़ादी मिली थी और कुछ छात्रों ने बताया कि इस दिन हमारा संविधान लागू किया गया था और अंग्रेज़ों के क़ानून से छुटकारा मिला था क्योंकि देश में आज़ादी के बाद भी अंग्रेज़ों का क़ानून चल रहा था.
मोहम्मद इरशाद आलम ने छात्रों को बताया कि इस दिन हमारे देश का क़ानून लागू हुआ था इसलिए हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं. उन्होंने छात्रों से पूछा कि क़ानून का पालन करने के लिए आप लोग सबसे बड़ा क्या काम कर सकते हैं? तो छात्रों ने बताया कि ट्रैफिक सिग्नल नहीं तोडना चाहिए, देख कर चलना चाहिए, सड़क देख कर पार करनी चाहिए, ट्रैफिक पुलिस की बात माननी चाहिए और जो भी क़ानून है उस पर अमल करना चाहिए.
इसके अलावा इस मौके पर संस्पाथक मोहम्मद इरशाद आलम ने छात्रों से कहा कि गंदगी नहीं फैलानी चाहिए, क़ानून का पालन ये भी होता है कि घर में अपने बड़ों की बात मानें, आपकी माता आप से कुछ करने के लिए कहती हैं उसको मानें और आप के पिता आप से कुछ कहते हैं उनकी भी बात सुननी चाहिए. पढ़ाई लिखाई कर सकते हैं. आप लोग इस उम्र में यही सब कर सकते हैं. आप लोग अच्छे से पढ़ें, बोर्ड एग्जाम होने वाले हैं उसकी तैयारी मेहनत से करें और अच्छे नंबरों से पास हों.
इस मौके पर हमारी सदा ट्रस्ट के संस्पाथक मोहम्मद इरशाद आलम ने छात्रों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी और छात्रों से आह्वान किया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर सभी छात्र अपने कर्तव्यों का पालन करने की शपथ लें. अपने अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें और उनका निरंतर पालन करते रहें.
बता दें कि हमारी सदा ट्रस्ट (NGO) देश की कई रियासतों में शिक्षा पर काम कर रहा है. लोगों में शिक्षा के लिए बेदारी मुहिम से लेकर गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने तक का महत्वपूर्ण कार्य इस ट्रस्ट के ज़रिये 2016 से किया जा रहा है.
ट्रस्ट का मक़सद गरीब और कमज़ोर वर्ग के परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना है जिससे समाज में शिक्षा का चिराग रोशन हो सके. अपने इसी सफर को आगे बढ़ाते हुए हमारी सदा ट्रस्ट ने ‘औजे फलक शिक्षा सेंटर’ नाम से एक शिक्षा सेंटर का उद्घाटन 1 अक्टूबर 2022 को किया है. यह शिक्षा सेंटर दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में खोला गया है जहां पर ज्यादातर प्रवासी मजदूर और दूसरे राज्यों से आये परिवार के लोग रहते हैं. इन परिवार के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना बहुत ज़रूरी है.
इसके अलावा हमारी सदा ट्रस्ट बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार दिलाने में हमेशा कोशिश करता रहता है और ट्रस्ट का मक़सद समाज की खिदमत के लिए समय समय पर प्रोजेक्ट लांच करके लोगों की मदद करते रहना है.