नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता शारजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी, जिसमें 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश से संबंधित गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) मामले में जमानत मांगी गई थी।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी। न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की अनुपलब्धता के कारण मामले को स्थगित कर दिया गया।
दिल्ली की एक अदालत ने 4 जनवरी को जामिया मिलिया इस्लामिया में दिसंबर 2019 में हुई हिंसा की घटनाओं से जुड़े एक मामले में 10 अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ इमाम को आरोप मुक्त कर दिया।
दिसंबर 2019 में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी। साकेत कोर्ट परिसर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने आदेश पारित किया था।
उन्होंने माना था कि पुलिस अपराध करने के पीछे वास्तविक अपराधियों को पकड़ने में असमर्थ थी, लेकिन निश्चित रूप से 11 आरोपियों को बलि का बकरा बनाने में कामयाब रही।
—आईएएनएस