तनावग्रस्त छात्रों की मदद और भार कम करने के लिए किया सिलेबस में बदलाव: एनसीईआरटी

नई दिल्ली: बीते वर्ष एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक से मुगल साम्राज्य का अध्याय हटाया था। इसके साथ ही एनसीआरटी ने कई अन्य पुस्तकों से भी कुछ अध्याय हटाए हैं। पिछले वर्ष किए गए इन परिवर्तनों पर एनसीईआरटी का कहना है कि कोविड-19 के बाद तनावग्रस्त छात्रों की मदद और पाठ्यपुस्तक के भार को कम करने के लिए सिलेबस में यह बदलाव किए हैं।

एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि जैसा कि हमने पिछले साल भी समझाया था, कोविड महामारी के कारण छात्रों में सीखने का बहुत नुकसान हुआ है। के कारण छात्रों को बहुत आघात हुआ है। तनावग्रस्त छात्रों की मदद करने के लिए, और समाज और राष्ट्र के प्रति एक जिम्मेदारी के रूप में, यह महसूस किया गया कि पाठ्यपुस्तकों का भार कम किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही एनसीईआरटी के निदेशक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है कि बदलाव एक खास विचारधारा के अनुरूप किए गए हैं।

दिल्ली के प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल रश्मि देव के बताया कि पाठ्यक्रम में बदलाव कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और अक्सर आवश्यकता अनुसार इस प्रकार के बदलाव किए जाते हैं।

गौरतलब है कि बीते वर्ष एनसीईआरटी द्वारा इतिहास की पुस्तक के सिलेबस में बदलाव किया गया है। यह बदलाव इस वर्ष से लागू हो रहे हैं, इसके तहत 12वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पाठ्य पुस्तक से मुगल साम्राज्य के अध्याय को हटाया गया है। एनसीईआरटी ने किंग्स एंड क्रॉनिकल्स, मुगल दरबार (सी. 16वीं और 17वीं सदी) थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट 2 से हटाया है।

यह बदलाव देशभर के उन सभी स्कूलों व छात्रों के लिए लागू होगा। जहां-जहां एनसीईआरटी की किताबें कोर्स का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा तैयार की गई पुस्तकें लागू होती हैं, इस हिसाब से सीबीएसई बोर्ड के लगभग सभी स्कूलों में यह बदलाव देखने को मिलेगा। एनसीईआरटी ने इसी तरह से हिंदी की पुस्तकों में से भी कुछ कविताएं व पैराग्राफ हटाने का निर्णय लिया है।

एनसीईआरटी के मुताबिक सिलेबस में जो भी बदलाव किया गया है उसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र यानी बदलाव 2023-24 से ही लागू कर दिया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि एनसीईआरटी ने केवल यही बदलाव किया है, बल्कि इतिहास के अलावा भी अन्य पुस्तकों में कई छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं।

एनसीईआरटी ने सिविक्स की पुस्तक में बदलाव करते हुए विश्व राजनीति में अमेरिकी आधिपत्य और द कोल्ड वॉर एरा नामक अध्याय हटाने का निर्णय लिया है। बदलावों को जारी रखते हुए एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं की पाठ्यपुस्तक स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति से लोकप्रिय आंदोलनों का उदय और एकदलीय प्रभुत्व का युग अध्याय हटाए हैं।

मौजूदा शैक्षणिक सत्र से होने जा रहे बदलाव केवल 12वीं कक्षा तक ही सीमित नहीं है बल्कि 10वीं और 11वीं कक्षा की पुस्तकों से भी कई अध्यायों को हटाया गया है। कक्षा 11वीं की पाठ्यपुस्तक थीम्स इन वल्र्ड हिस्ट्री से सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, संस्कृतियों का टकराव और औद्योगिक क्रांति जैसे अध्याय हटा दिए गए हैं।

इसी प्रकार कक्षा 10वीं की पाठ्यपुस्तक लोकतांत्रिक राजनीति-2 से लोकतंत्र और विविधता, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र की चुनौतियां पर अध्याय हटा दिए गए हैं।

—आईएएनएस

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