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यूजीसीः छात्रों की शिकायतों के प्रभावी निपटारे के लिए विनियम जारी, प्रभावी तंत्र बनाने का प्रावधान

नयी दिल्ली: यूजीसी ने छात्रों की शिकायतों के सरल एवं प्रभावी निपटारे के लिए एक तंत्र स्थापित करने के प्रावधान वाले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम 2023 की अधिसूचना जारी की है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव मनीष जोशी ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं कालेजों के प्राचार्यों को 12 अप्रैल को इस विषय पर पत्र लिखा। पत्र के साथ विनियम की अधिसूचना को भी संलग्न किया गया है।

पत्र में जोशी ने कहा कि छात्रों की शिकायतों के सरल एवं प्रभावी निपटारे के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से यूजीसी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम 2023 पेश किया है।

नये विनियम में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्र शिकायत निपटरा समिति (एसजीआरसी) स्थापित करने तथा विश्वविद्यालय स्तर पर लोकपाल नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है।

इसमें कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया जाता है कि वे विनियम के प्रावधानों का पालन करें और छात्र शिकायत निपटारा समिति (एसजीआरसी) का गठन करें जो अधिसूचना जारी करने की तिथि से 30 दिनों के भीतर हो तो बेहतर होगा।

इसमें कहा गया है कि प्रत्येक संस्थान अपने पाठ्यक्रम या अध्ययन के किसी भी कार्यक्रम में प्रवेश आरंभ करने की तिथि से कम से कम साठ दिन की समाप्ति के पूर्व अपनी वेबसाइट पर एक विवरणिका प्रकाशित करेगा या अपलोड करेगा।

इसमें (विवरणिका) संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों और आम जनता की जानकारी के लिए सूचनाएं उपलब्ध हों। इसमें प्रत्यक पाठ्यक्रम के शिक्षण के घंटों, व्यावसायिक सत्रों और अन्य कार्य के साथ साथ अध्ययन के कार्यक्रमों की सूची आदि हो।

इसमें कार्यक्रम के लिये अनुमोदित सीटों की संख्या, न्यूनतम एवं अधिकतम आयु, शैक्षणिक योग्यता, आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया, परीक्षा का विवरण, शुल्क या जमा राशि की सूचना होनी चाहिए।

इसके साथ संस्थान के भौतिक एवं शैक्षणिक बुनियादी ढांचे, छात्रावास एवं इसके शुल्क, पुस्तकालय, चिकित्सालय, छात्रों के व्यवहासिक प्रशिक्षण सुविधा, अनुशासन बनाये रहने के निर्देश आदि का ब्यौरा भी होना चाहिए।

अधिसूचना के अनुसार, इसमें छात्र शिकायत निपटारा समितियां गठित करने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि संस्थान से संबंधित किसी पीड़ित छात्र की शिकायत छात्र शिकायत निपटारा समिति के अध्यक्ष को संबोधित की जायेगी।

प्रत्येक संस्थान छात्रों की शिकायतों पर विचार करने के लिए उतनी संख्या में शिकायत निवारण समितियों का गठन करेगा जितनी की जरूरत होगी। इसका अध्यक्ष एक प्रोफेसर तथा चार प्रोफेसर या वरिष्ठ संकाय सदस्य होंगे।

इसमें शैक्षणिक योग्यता, खेलकूद में उत्कृष्ठता/सह पाठ्यचर्या गतिविधियों में प्रदर्शन के आधार पर नामित किये जाने वाले छात्रों में एक एक प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होगा।

इसमें कहा गया है कि शिकायत निपटारा समिति के निर्णय को लेकर कोई पीड़ित छात्र निर्णय प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर लोकपाल के समक्ष अपील कर सकता है।

(इनपुट पीटीआई-भाषा)

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