नयी दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्ववर्ती साल की तुलना में आगामी अकादमिक वर्ष में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है एवं इसके लिए अधिकारी अधिक विदेशी छात्रों के आवेदन मंगाने की खातिर विभिन्न राजनयिक मिशन से संपर्क कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि 2022-23 में कुल 637 विदेशी छात्रों ने विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोतर और पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया था।
अभी तक विश्वविद्यालय को करीब दो हजार आवेदन मिल चुके हैं, जिनमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) से मिलने वाले आवेदन भी शामिल हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में विभिन्न अध्ययन कार्यक्रमों में दो वर्गों के तहत विदेशी छात्रों को दाखिला दिया जाता है। इन वर्गों में स्व-वित्तपोषित छात्र और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत आने वाले छात्र शामिल हैं।
शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए विदेशी छात्रों के दाखिले की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के संयुक्त डीन प्रोफेसर अमरजीव लोचन ने कहा, ‘‘आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। हमने इन आवेदनों को मंजूरी देने की प्रक्रिया पर काम करना शुरू कर दिया है।’’
लोचन ने बताया कि पिछले शैक्षणिक सत्र में भर्ती विदेशी छात्रों की कुल संख्या 637 थी, जबकि इससे पहले के वर्ष (2021) में 650 छात्रों को भर्ती किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस साल हम 700 की संख्या तक पहुंच जाएंगे। डीयू भारत का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय है और हम इसे अंतरराष्ट्रीय छात्रों की पहली पसंद बनाना चाहते हैं।’’
लोचन ने कहा कि विदेशी छात्रों के दाखिले की जिम्मेदारी निभा रही एक डीयू टीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही कि इस साल अधिक से अधिक विदेशी छात्र दाखिला लें।
‘नॉर्थ कैंपस’ के ‘विदेशी विद्यार्थी पंजीयन कार्यालय’ के अधिकारी इस दिशा में काम कर रहे हैं।
(इनपुट पीटीआई-भाषा)