नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केन्द्र ने दिनांक 1 अक्टूबर 2024 को “प्रतिष्ठा के लिए रचनात्मक लेखन: आघात, युद्ध और कविता” पर एक कार्यशाला को आयोजित किया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि मेक्सिको के नेशनल ऑटोनोमस यूनिवर्सिटी और एमआईटी, यूएसए के व्याख्याता और शोधकर्ता श्री जूलियो सीजर डियाज काल्डेरोन थे।
नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केन्द्र के निदेशक प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जिन्होंने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और संघर्ष समाधान एवं शांति स्थापना के महत्व पर बल दिया। प्रो. मुस्लिम खान, डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय, इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि थे और उन्होंने स्वागत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आज की दुनिया में युद्धों की तीव्रता और उनके प्रभावों पर रोशनी डाली तथा इसके साथ साथ शांतिपूर्ण समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया। नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केन्द्र में सहायक प्रो डॉ. बिनीश मरियम ने कार्यशाला का समन्वय किया।
श्री डियाज ने प्रतिभागियों को राजनीतिक हिंसा के आघात पर पड़ने वाले प्रभाव से परिचित कराया, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि रचनात्मक लेखन का उपयोग लैंगिक, यौन एवं नस्लीय हिंसा का अध्ययन करने तथा उसे बदलने के लिए एक विधि के रूप में कैसे किया जा सकता है, विशेष रूप से विश्वविद्यालय परिवेश में। उनकी प्रस्तुति में युद्ध, वैश्विक राजनीतिक अर्थव्यवस्थाओं और विभिन्न प्रकार के आघातों से संबंधित चिकित्सा आघात परिभाषाओं पर गहन चर्चा की गई।
कार्यशाला में रचनात्मक लेखन के छह सिद्धांतों को रेखांकित किया गया, जिसका उद्देश्य आघात से उबरे लोगों की देखभाल करना, विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करना और आघात संबंधी अपर्याप्त प्रतिक्रियाओं को संबोधित करना है।
प्रतिभागियों को आघात और युद्ध से संबंधित अपनी सामाजिक न्याय परियोजनाओं को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और उन्हें वैश्विक संघर्षों एवं सामाजिक परिवर्तन की योजना से जोड़ा गया।
कार्यशाला के अंतर्गत प्रतिभागियों ने एक गतिविधि में भाग लिया, जहाँ उन्होंने यौन या लिंग-आधारित हिंसा के शिकार व्यक्ति को एक पूर्व-लड़ाकू के दृष्टिकोण से पत्र लिखे। श्री डियाज़ ने अपने पत्र साझा करने वाले छात्रों के बारे में अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
कार्यशाला का समापन इस बात की समझ के साथ हुआ कि रचनात्मक लेखन आघात से निपटने के लिए एक उपकरण के रूप में किस प्रकार कार्य कर सकता है। केंद्र के छात्रों और संकाय की ओर से डॉ. बिनीश मरियम ने धन्यवाद ज्ञपित किया । कार्यशाला का आयोजन नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केन्द्र की सबजेक्ट एसोसिएशन द्वारा किया गया था।