Homeदेशमहताब आलम जामिया के नए रजिस्ट्रार बनाये गए

महताब आलम जामिया के नए रजिस्ट्रार बनाये गए

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ ने जामिया के नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केंद्र के मानद निदेशक प्रो. (डॉ.) मोहम्मद महताब आलम रिजवी को विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त किया है। आदेश जारी होने के तुरंत बाद प्रो. रिजवी ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है।

प्रो. रिजवी ने कार्यवाहक कुलसचिव का वह स्थान ग्रहण किया है जिस पर श्री एम. नसीम हैदर, उप कुलसचिव-I पिछले कुछ महीनों से कार्य कर रहे थे। कुलपति और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने प्रो. रिजवी को बधाई दी तथा विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव के रूप में उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।

कुलपति ने अपने संबोधन में इस बात का उल्लेख किया कि हम एक टीम के रूप में एक साथ मिलकर विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और इस महान संस्थान के संस्थापकों के सपनों को पूरा करने का प्रयास करेंगे।

प्रो. रिजवी ने अपने संबोधन में यह कहा कि मुझे इस चुनौतीपूर्ण पद की ज़िम्मेदारी देकर मुझ पर विश्वास जताने के लिए मैं कुलपति महोदय का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने यह कहा कि, “मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा और अपने कार्यों से खुद को इस पद के लायक साबित करने की कोशिश करूंगा। मुझे कुशल कामकाज के लिए सभी शैक्षिक और प्रशासनिक कर्मचारियों के समर्थन की आवश्यकता है।”

प्रो. रिजवी को शिक्षण और शोध का 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह फरवरी 2017 में जामिया में नियुक्त हुए और इससे पहले उन्होंने रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान, नई दिल्ली (भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख और प्रतिष्ठित शोध संस्थान/थिंक-टैंक) में फैलो के रूप में कार्य किया है। वह अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विदेश नीति और सुरक्षा मुद्दों, विशेष रूप से पश्चिम एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका के देशों के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों के विशेषज्ञ हैं।

ईरान में राजनीतिक एवं आंतरिक विकास, ईरान के परमाणु प्रोग्राम, ईरान-चीन का आर्थिक, राजनीतिक और रक्षा संबंधों पर भी उनका शोध केंद्रित है। वह पश्चिम एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में विकास, पश्चिम एशिया में ऊर्जा सुरक्षा तथ वाना क्षेत्र में शांति और संघर्ष समाधान के नजदीकी पर्यवेक्षक रहे हैं।

उन्होंने आईडीएसए एवं ईरान और जीसीसी देशों के विदेश मंत्रालय की संयुक्त परियोजनाओं पर भी कार्य किया है। उन्होंने कई प्रशासनिक पदों पर भी कार्य किया है।

भारत के महामहिम राष्ट्रपति ने उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कोर्ट सदस्य के रूप में नामित किया है । वह मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के संस्थागत शैक्षणिक अखंडता पैनल के एक बाह्य सदस्य हैं।

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