मौलाना अरशद मदनी ने बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी 13 नवंबर को बुलडोजर एक्शन के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट के इस फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी समेत कई दिग्गज नेताओं ने बयान दिया है. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चेयरमैन मौलाना अरशद मदनी ने भी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कहा है कि हम तो ये समझते हैं कि किसी शख्स की पूरी जिंदगी की कमाई उसके घर को गिरा देना ये कानून के खिलाफ है. जो कुछ किया जा रहा है वह गरीबों की पूरी जिंदगी की कमाई खत्म कर देने की कोशिश है. कुछ मामले ऐसे भी सामने आए है कि किराए के मकान को भी गिरा दिया गया. एक घर में पूरा परिवार है. अगर किसी एक आदमी से गलती हो गई तो, पूरे परिवार की दुनिया को जहन्नुम बना देना, बेसहारा बना देना ये गलत है.

उन्होंने कहा कि एक दिन या एक घंटे में किसी की पूरी जिंदगी तबाह कर दी जाती है और इसी आधार पर हम कोर्ट गए थे. हमारी कोशिश रही कि हम मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करें. इसके लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में सबसे बेहतर से बेहतर वकील किए थे. वकीलों ने गरीबों और मजलूमों का मजबूत पक्ष रखा. हमें अल्लाह की कुदरत और उसकी इनायत पर बहुत ज्यादा फख्र है. हम दुआ करते हैं कि खुदा करे कि कोर्ट से इसी तरह गरीबों को मदद मिलती रहे, जिस तरह आज मिली है.

मदनी ने कहा कि हम बेहद खुश हैं और मानते हैं कि कोर्ट ने सही और सटीक कदम उठाया है. यह जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बड़ी उपलब्धि है. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने बुलडोजर के जरिए लोगों के घर तोड़े. हम सभी जजों को बधाई देते हैं जिन्होंने लोगों की दिल की आहट को सुना है, परेशानी को अपनी परेशानी समझी है और दस्तूर के मुताबिक सही फैसला किया है.

उन्होंने आगे कहा कि खुदा करें हमारे मुल्क के भीतर शांति और सुरक्षा, क़ानून और व्यवस्था, अम्न-ओ-सलामती, चैन और सुकून और इसी तरह गरीबों को हक देने के फैसले होते रहें. मुल्क के अंदर अम्न-ओ-सलामती कायम रहे. सरकारों को चाहिए कि जिन लोगों के घर गिराए गए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाए, क्योंकि उनकी जिंदगी पूरी तरह से तबाह कर दी गई है.

spot_img
1,706FansLike
257FollowersFollow
118FollowersFollow
14,800SubscribersSubscribe