संभल: उत्तर प्रदेश के जिला संभल में हुई हिंसा को लेकर अखिलेश यादव का बयान आया है. उन्होंने कहा कि जुमा की नमाज हुई उस समय भी माहौल शांत था, दोबारा सर्वे किया गया, इसके बाद काफी विवाद बढ़ा. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समय दंगा हुआ उस समय उनके सांसद जियाउर्रहमान बर्क शहर के बाहर थे.
बता दें, समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन पर दंगा भड़काने का आरोप है. हालांकि, जियाउर्रहमान ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है. हिंसा के बाद जियाउर्रहमान ने अपने बयान में कहा था कि भीड़ ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा कर निकली जिसकी वजह से लोग भड़के.
अखिलेश यादव ने एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में कहा, “हमारे सांसद जियाउर्रहमान संभल में थे ही नहीं और उसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई. यह सरकार के जरिए किया गया दंगा है. कोर्ट के जरिए आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंच गए. अधिकरियों ने आदेश पढ़ा तक नहीं. इस दौरान सभी ने सर्वे में कोई दखल नहीं दिया.
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगली सुबह 24 तारीख को दूसरा सर्वे किया जाएगा. पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ बदतमीजी की. इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है. इससे कई लोग घायल हो गए.”
#WATCH | Delhi: On Sambhal stone pelting incident, Samajwadi Party MP Akhilesh Yadav says “Our MP Zia ur Rahman was not even in Sambhal and despite that an FIR was lodged against him…This is a riot done by the government…Right after the order was passed by the Court, police… pic.twitter.com/qwPGtpho1m
— ANI (@ANI) November 25, 2024
अखिलेश आगे कहते हैं- “पांच निर्दोष लोगों की मौत हो गई. संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं. उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान के खिलाफ ऐसी गैर-कानूनी घटना न कर सके.”