संभल: उत्तर प्रदेश के जिला संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज करके 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
विवेचना में जो बात आयेगी, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि बर्क की तरफ से पूर्व में दिये गए भड़काऊ बयान पर उन्हें नोटिस दिया गया था. उनके पिता रहमान का 10 लाख का मुचलका भरवाया गया था.
विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने संभल हिंसा मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें 6 नामजद और 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि वारदात की सीसीटीवी तथा अन्य वीडियो फुटेज का अध्ययन कर दंगाइयों की पहचान की जा रही है. उन्होंने बताया कि दंगाइयों के बारे में सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा और जितने भी लोगों पर मुकदमा है उन सबको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा. हिंसा में मारे गये युवकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट संबंधी सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह विवेचना का सवाल है. अभी वह इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा, “संभल में रविवार दोपहर बाद से शांति व्याप्त है. जनजीवन सामान्य है. साप्ताहिक बंदी के बावजूद आज लोगों ने अपनी दुकानें खोलीं. स्थिति पूरी तरह सामान्य है. रात को गश्त की गयी. किसी तरह की कोई समस्या नहीं है.”
उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ था. जुमे की नमाज भी शांतिपूर्ण ढंग से हुई थी. कल जब यह ऐलान हुआ कि सर्वे हो गया है तो उसके बाद अचानक पथराव शुरू हुआ. पेंसिया ने कहा, “हमें लगता है कि रातोंरात प्लानिंग की गई थी. जांच में इसका खुलासा हो सकेगा. भीड़ ने अपने ही लोगों पर पथराव किया और गोलियां चलाईं. इससे लगता है कि उनमें आपस में भी कुछ रहा हो.
वहीं, संभल में हुई हिंसा को लेकर अखिलेश यादव का बयान आया है. उन्होंने कहा कि जुमा की नमाज हुई उस समय भी माहौल शांत था, दोबारा सर्वे किया गया, इसके बाद काफी विवाद बढ़ा. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समय दंगा हुआ उस समय उनके सांसद जियाउर्रहमान बर्क शहर के बाहर थे.
समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन पर दंगा भड़काने का आरोप है. हालांकि, जियाउर्रहमान ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है. हिंसा के बाद जियाउर्रहमान ने अपने बयान में कहा था कि भीड़ ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा कर निकली जिसकी वजह से लोग भड़के.
अखिलेश यादव ने एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में कहा, “हमारे सांसद जियाउर्रहमान संभल में थे ही नहीं और उसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई. यह सरकार के जरिए किया गया दंगा है. कोर्ट के जरिए आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंच गए. अधिकरियों ने आदेश पढ़ा तक नहीं. इस दौरान सभी ने सर्वे में कोई दखल नहीं दिया.
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे. इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी. इस गोलीबारी और पथराव में उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र समेत कुल 20 लोग जख्मी हुए हैं. हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं तथा 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं.
एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त था. रविवार को सर्वे करने वाली टीम दोबारा मस्जिद का सर्वे करने गई थी. स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था.